बुखार से लेकर सभी तरह के दर्द और अस्थमा जैसी बीमारियों के लिए रामबाण है यह पत्ता, जानें उपयोग की विधि


पूर्णिया : आपने एक कहावत जरूर सुनी होगी कि कभी-कभी दुबरी में भी यश होता है. आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. नंद कुमार मंडल बताते हैं कि परिजात के पौधे का पत्ता कई बीमारियों से छुटकारा दिलाने में कारगर है. इस पौधे का जिक्र भगवान श्री कृष्ण भी कर चुके हैं. ऐसे में दरअसल जब लोग एलोपैथिक में थक कर परेशान हो जाते हैं तो ऐसे में लोग आयुर्वेद चिकित्सा की तरफ रुख करते हैं. हालांकि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति में कई बड़ी से बड़ी हो या छोटी सी छोटी बीमारियों का निजात पेड़ पौधे एवं पत्तियों से ही होता है और यह बहुत कारगर भी साबित होता है.

परिजात का एक पत्ता कई बीमारी का बाप
ऐसे में जानकारी देते हुए पूर्णिया के जिला संयुक्त और औषधालय के आयुर्वेद चिकित्सक एक्सपर्ट डॉक्टर नंदकुमार मंडल ने Local 18 से कहा लोगों को जानकारी नहीं होती आयुर्वेद चिकित्सा में बहुत गंभीर से गंभीर बीमारियों का आसानी से और सस्ते खर्च में इलाज हो जाता है. उन्होंने कहा किसी भी व्यक्ति को अगर टायफाइड का बुखार हो या सामान्य बुखार हो सर्दी, खांसी जुकाम हो या किसी भी तरह का शारीरिक दर्द हो या अस्थमा हो या श्वसन तंत्र (Respiratory System)नली की समस्याएं हैं तो ऐसे व्यक्ति आसानी से इन कारगर उपायों को आजमाकर अपनी समस्याओं से निदान पा सकते हैं.

हिंदू धर्मशास्त्र में भी परिजात के पौधे का दिया महत्व
उन्होंने कहा परिजात यानी हर श्रृंगार का पौधा कई औषधि गुणों से भरपूर होता है. हालांकि इस पारिजात के पौधे और पारिजात के फूल की चर्चा ईश्वर लोक में भी है. भगवान श्री कृष्ण ने अपने पत्नी के कहने पर यह पुष्प मंगाया गया था. इसका धर्म शास्त्र और पुराणों में भी महत्वपूर्ण स्थान है. उन्होंने कहा यह पौधा एंटीऑक्सीडेंट पौधा होता है. यह कई बीमारियों के लिए रामबाण औषधि माना जाता है.

ऐसे करें सेवन जानें
आयुर्वेद चिकित्सक डॉक्टर नंदकुमार मंडल कहते हैं कि बुखार अस्थमा या शरीर के किसी पर हिस्से में जॉइंट दर्द की समस्या हो तो ऐसे मरीज सुबह-सुबह खाली पेट पारिजात के पौधे की 10 पत्तियों को तोड़कर अच्छी तरह उन्हें साफ कर धो लें. फिर उन्हें बारीक टुकड़े में तोड़े और चार कप पानी में उसे डालकर मीठी धीमी आग पर पकाते रहें. हालांकि उन्होंने कहा कि वह तब तक पकाते रहें जब तक चार कप पानी की मात्रा एक गिलास न बच जाए. शेष बचें एक कप पानी को रखे. उस पानी को सुबह शाम गुनगुना कर चाय की तरह चुस्की लेकर पिएं. इस तरह नियमित प्रयोग से आपको फायदा मिलेगा.

आयुर्वेद चिकित्सा में दवाई का नहीं कोई नुकसान
डॉक्टर नंदकुमार बताते हैं कि पारिजात के पौधे की पत्तियां बीमारी दूर करने में सहायक होती हैं. यह पत्ते कई बीमारियों में रामबाण औषधि का काम करता. हालांकि वह कहते हैं आयुर्वेद चिकित्सा में कोई भी दवाई का कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है. ऐसे में लोगों को आयुर्वेद चिकित्सा के बताए हुए नियम मुताबिक सीमित उपचार कर अपनी समस्याओं से निजात पा सकते हैं.

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