बेटे का सपना पूरा हो, इसलिए मां ने छोड़ दी नौकरी और शहर, अभिज्ञान को JEE Main में मिले 99.93 परसेंटाइल


ओम प्रकाश निरंजन (कोडरमा)/कैलाश कुमार (बोकारो). जेईई मेंस की परीक्षा में कोडरमा के अभिज्ञान सिन्हा ने शानदार सफलता प्राप्त की है. पहले प्रयास में ही उन्होंने ऑल इंडिया 1118वीं रैंक हासिल की है. झुमरी तिलैया के भादोडीह रोड न्यू कॉलोनी निवासी अभिज्ञान के पिता सुनील कुमार सिन्हा और माता स्मिता सिन्हा दोनों ही शिक्षक हैं.

अभिज्ञान ने Local 18 को बताया कि 10वीं में 99 प्रतिशत अंक लाकर उन्होंने कोडरमा जिला टॉप किया था. इसके बाद गणित में 100 में 100 अंक प्राप्त होने पर उन्होंने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करियर बनाने का सोचा. वह भविष्य में कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग कर इसरो में वैज्ञानिक के रूप में सेवा देना चाहते हैं. इसी का लक्ष्य निर्धारित कर तैयारी शुरू की थी.

IIT मुंबई में जाना सपना
अभिज्ञान ने आगे बताया कि पहले पड़ाव के तहत देश के शीर्ष इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला को लेकर उन्होंने 12 से 14 घंटे तक पढ़ाई की. उनकी मेहनत का फल उन्हें आज मिला, जिसमें जेईई मेंस के परिणाम में उन्हें 99.93 परसेंटाइल प्राप्त हुए हैं. उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता, दादा-दादी, शिक्षकों और मित्रों को दिया है. IIT मुंबई में एडमिशन लेना उनका सपना है.

बेटे की पढ़ाई के लिए मां ने छोड़ी नौकरी
मां स्मिता सिन्हा ने बताया कि बेटे के सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने जिले के एक निजी विद्यालय में शिक्षिका के पद से छुट्टी ले ली थी. जून 2022 में बोकारो स्थित जेईई एडवांस्ड की तैयारी कराने वाली एक निजी संस्थान में बेटे का दाखिला कराने के बाद वह भी बेटे के साथ बोकारो में रहने लगीं. उसे पढ़ाई में कोई परेशानी न हो, इसका पूरा ख्याल रखा गया. मां-बेटा फिलहाल बोकारो में ही रह रहे हैं. वहीं बेटे की सफलता पर स्मिता सिन्हा ने बताया कि वह बेटे के इस रिजल्ट से काफी खुश हैं. कोडरमा छोड़कर बेटे के साथ बोकारो में रहने का उनका फैसला सही साबित हुआ है. बेटे की मेहनत के साथ परिवार का त्याग भी सार्थक रहा. परिवार आगे भी अभिज्ञान के साथ खड़ा रहेगा.

शुरू में मेडिकल कराने की थी इच्छा
अभिज्ञान के पिता सुनील कुमार सिन्हा सीडी गर्ल्स हाई स्कूल में अंग्रेजी विषय के शिक्षक हैं. उन्होंने बताया कि बचपन से ही उनका पुत्र मेधावी रहा है. 12वीं तक उसने बाहर से किसी भी कोचिंग का सहारा नहीं लिया. सिर्फ जेईई मेंस की तैयारी को लेकर पहली बार अभिज्ञान ने निजी संस्थान का सहारा लिया. बताया कि 10वीं के परिणाम से पहले उनकी बेटे को मेडिकल कराने की इच्छा थी, लेकिन वर्ष 2022 में पीवीएसएस डीएवी पब्लिक स्कूल कोडरमा से दसवीं में बेहतर प्रतिशत के साथ जिला टॉपर बनने के बाद अभिज्ञान में इंजीनियरिंग करने की इच्छा जाहिर की थी, जिसके बाद उसकी रुचि के अनुसार उसे आगे की शिक्षा दी गई.

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