भगवान स्वामीनारायण की जन्मस्थली का पूरा इतिहास जान हो जाएंगे गदगद



HYP 4790062 cropped 12112024 174604 img20241112wa0006 watermar 2 भगवान स्वामीनारायण की जन्मस्थली का पूरा इतिहास जान हो जाएंगे गदगद

गोंडा. स्वामीनारायण संप्रदाय के बारे कभी न कभी आपने भी सुना होगा. एक ऐसा संप्रदाय जिसका इतिहास काफी रोचक है और उतना ही रोचक है उत्तर प्रदेश के गोंडा जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर छपिया में बना स्वामीनारायण का मंदिर. छपिया गांव में स्थित ये मंदिर एक महत्त्वपूर्ण धार्मिक स्थल है जिसे स्वामीनारायण संप्रदाय में अत्यंत पवित्र माना जाता है. छपिया गांव भगवान स्वामीनारायण का जन्मस्थान है. उनका जन्म 2 अप्रैल 1781 (चैत्र शुक्ल नवमी, विक्रम संवत 1837) को हुआ था. उनके बचपन का नाम घनश्याम था.

छपिया गांव का उल्लेख स्वामीनारायण साहित्य और कई धार्मिक ग्रंथों में मिलता है. यहां भगवान स्वामीनारायण के बचपन में कई घटनाएं हुईं, जो इस स्थान को और भी महत्त्वपूर्ण बनाती हैं. यहां के मंदिर में भगवान स्वामीनारायण के बाल्यकाल की लीलाओं से संबंधित मूर्तियां और चित्र मौजूद हैं.

लोकल 18 से बातचीत में मंदिर के पुजारी हरि दर्शन स्वामी बताते हैं कि यहां एक ऐतिहासिक तालाब है. कहा जाता है कि भगवान स्वामीनारायण ने उसमें अपने बाल्यकाल में स्नान किया था. यह तालाब धार्मिक दृष्टिकोण से इतना खास है कि यहां भक्त विशेष पूजा-अर्चना करते हैं.

11 की उम्र में इतना त्याग
घनश्याम (भगवान स्वामीनारायण) बचपन से ही असाधारण बालक थे. उन्होंने छोटी उम्र में ही कई चमत्कार किए और अपनी ज्ञानपूर्ण विचारधारा से लोगों को प्रभावित किया. 11 वर्ष की आयु में घनश्याम ने सांसारिक जीवन का त्याग कर ‘नीलकंठ’ नाम से एक लंबी यात्रा शुरू की. इस यात्रा के दौरान उन्होंने विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक स्थानों का भ्रमण किया और स्वामीनारायण संप्रदाय की स्थापना की. इस संप्रदाय ने समाज में भक्ति, सेवा और नैतिकता का प्रचार किया.

मुख्य केंद्र गुजरात लेकिन..
स्वामीनारायण संप्रदाय का मुख्य केंद्र गुजरात और महाराष्ट्र में है, लेकिन इस संप्रदाय में छपिया का विशेष स्थान भगवान स्वामीनारायण के जन्मस्थान के कारण है. वर्तमान में छपिया गांव एक धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में विकसित हो चुका है. यहां धार्मिक आयोजन होते रहते हैं.

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