भारतीय नहीं पूछ रहे घर का खाना, पैकेट वाले फूड की खपत बढ़ी, भोजन पर खर्च के मोर्चे पर खुशखबरी


नई दिल्ली. देश में खानपान पर औसत घरेलू खर्च में कमी आई है और 1947 के बाद पहली बार इस मद में औसत घरेलू खर्च आधे से भी कम हो गया है. प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है. इसमें यह भी कहा कि देश में फूड कन्जम्पशन पैटर्न में महत्वपूर्ण बदलाव सामने आ रहे हैं. अब पैकेज्ड फूड पर खर्च की हिस्सेदारी काफी बढ़ी है.

‘भारत के खाद्य उपभोग और नीतिगत प्रभाव में बदलाव: घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण 2022-23 और 2011-12 का एक व्यापक विश्लेषण’ शीर्षक के साथ रिपोर्ट जारी की गई है. रिपोर्ट के अनुसार, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में भोजन पर कुल घरेलू खर्च की हिस्सेदारी में काफी कमी आई है.

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इसमें कहा गया है, ‘‘आधुनिक भारत (स्वतंत्रता के बाद) में यह पहली बार है जब भोजन पर औसत घरेलू खर्च परिवारों के कुल मासिक खर्च के आधे से भी कम है और यह एक महत्वपूर्ण प्रगति है.’’ रिपोर्ट में घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण 2022-23 और 2011-12 के बीच तुलना का एक व्यापक विश्लेषण है. इसमें कहा गया है, ‘‘कुल मिलाकर, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में परिवारों के औसत मासिक प्रति व्यक्ति व्यय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है.’’

इसमें कहा गया है कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में खाद्य पदार्थों के तहत अनाज पर खर्च की हिस्सेदारी में काफी गिरावट आई है. हालांकि, यह गिरावट ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रहने वाले आर्थिक रूप से सबसे नीचे के 20 प्रतिशत परिवारों में ज्यादा है.

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘इस बात की काफी संभावना है कि इस रुख का कारण सरकार की खाद्य सुरक्षा नीतियां है. यह नीति के प्रभाव को दर्शाता है. इसके तहत देश के सभी राज्यों में बड़ी संख्या में लाभार्थियों को मुफ्त अनाज उपलब्ध कराया जा रहा है…’’



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