भोलेनाथ के पशुपत्येष्टा स्तोत्र के जाप से मिलेगा इस भय से छुटकारा, सावन में विशेष महत्व


हरिद्वार. सावन के महीने में भोलेनाथ के निमित्त विशेष पूजा पाठ, जप, तप और व्रत करने का विधान है. यदि सावन के महीने में भगवान शिव के स्तोत्र का पाठ किया जाए, तो विशेष फलों की प्राप्ति होने की धार्मिक मान्यता है. कहा जाता है कि भोलेनाथ के स्तोत्र का पाठ सावन में करने से भोलेनाथ अधिक प्रसन्न होते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर देते हैं. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, महादेव के पशुपत्येष्टक स्तोत्र का पाठ करने से जहां व्यक्ति को बहुत से लाभ प्राप्त होते हैं, वहीं भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा भी बनी रहती है. चातुर्मास में आने वाले सावन के महीने में भोलेनाथ हरिद्वार में वास करते हैं और यही से पूरी सृष्टि का संचालन करते हैं.

भगवान शिव के पशुपत्येष्टक स्तोत्र का जाप करने के ओर अधिक लाभ की जानकारी देते हुए उत्तराखंड के हरिद्वार के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री ने लोकल 18 को बताया कि पशुपत्येष्टक स्तोत्र का पाठ विशेष फलदायी होता है. पशुपत्येष्टक स्तोत्र में कुल 9 श्लोक हैं, जिनका जाप करने से व्यक्ति को जहां भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है, वहीं वह अकाल मृत्यु के भय से दूर हो जाता है. सावन के महीने में इस स्तोत्र का पाठ करने से अनेक प्रकार के कष्ट दूर हो जाते हैं. वह बताते हैं कि भोलेनाथ के इस स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में लगने वाला भय दूर हो जाता है.

स्तोत्र का जाप सूर्योदय के समय विशेष फलदायी

पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि भोलेनाथ के पशुपत्येष्टक स्तोत्र का पाठ अपने घर में स्थित देवालय में नित्य करने से विशेष लाभ मिलता है. यदि इस स्तोत्र के पाठ को भोलेनाथ के सिद्धपीठ स्थल पर किया जाए, तो भोलेनाथ अत्यधिक प्रसन्न होकर सभी मनोकामनाएं पूर्ण कर मनवांछित फल प्रदान करते हैं. इस स्तोत्र का जाप सूर्योदय के समय करना विशेष फलदायी है. रोजाना सुबह के समय स्नान ध्यान करके एकाग्र मन से इस स्तोत्र का पाठ करना चाहिए.

Note: पशुपत्येष्टक स्तोत्र जब के बारे में और अधिक जानकारी करने के लिए आप हरिद्वार के प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित श्रीधर शास्त्री से उनके फोन नंबर 9557125411 व 9997509443 पर संपर्क कर पूरी जानकारी ले सकते हैं.

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