मंगलवार के दूसरे दिन 145 बंदरों की मौत का खुला राज, अंतिम संस्कार तक नहीं हुआ नसीब, किसने किया यह पाप?


हाथरस. उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक एफसीआई के गोदाम में गेहूं में मिलने वाला पदार्थ खाकर बड़ी संख्या में बंदरों की मौत हो गई. एफसीआई गोदाम के कर्मियों ने बिना प्रशासन को सूचित किए इन बंदरों के शवों को गौदाम परिसर में ही गड्ढा खुदवाकर दफन करा दिया. वहीं जब इस घटना को लेकर कुछ हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता को जानकारी हुई, तो उन्होंने एफसीआई गौदाम पर जाकर हंगामा कर दिया.

मामले की जानकारी होने पर एडीएम (जे) शिवनारायण शर्मा और एएसपी अशोक कुमार, सहित एसडीम सदर, सीओ सिटी काफी पुलिस फोर्स के साथ एफसीआई के गौदाम पर पहुंच गए. वहीं जब इसको लेकर पूछताछ की गई तो यह बात सामने निकलकर आई कि यहां 145 से ज्यादा बंदरों की मौत हुई है और परिसर में ही उन्हें गड्ढा खुदवाकर दफन कर दिया गया, जिसके बाद अधिकारियों ने वहां पूछताछ और जांच पड़ताल शुरू कर दी. वहीं इस पूरे मामले में एफआईआई प्रबंधक का कहना था कि यहां पर सात आठ बंदरों की मौत हुई है और उनकी आत्मा शांति के लिए वह हनुमान चालीसा का पाठ कराएंगे.

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इस पर कुछ हिंदूवादी नेता तो संतुष्ट हो गए लेकिन कुछ का कहना था कि बंदरों की संख्या गलत बताई जा रही है. वहीं एफसीआई गौदाम में बड़ी संख्या बंदरों की मौत का मामला शहर में आग की तरह फैल गया. आपको बता दें कि सदर कोतवाली क्षेत्र के कलवारी रोड पर एक एफसीआई का गोदाम है. वहां जिले का खाद्यान्न रखा जाता है. खाद्यान्न के साथ-साथ सल्फास की गोलियां भी रखी जाती हैं. पिछले सप्ताह गोदाम में काफी तादाद में बंदर जहरीला पदार्थ (सल्फास) खाकर मर गए. वहीं एफसीआई के गौदाम पर तैनात कर्मचारियों ने इस बात को छिपाए रखा और इन बंदरों के शव गोदाम परिसर में ही गड्ढा खुदवाकर जमीन में दफन करा दिया.

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वहीं हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि बंदरों की संख्या काफी ज्यादा है और मैनेजर झूठ बोल रहे हैं. इस पर वहां मौजूद हिंदूवादी आक्रोशित हो गए. लेकिन जब मौके पर मौजूद प्रशासनिक अधिकारियों ने जांच पड़ताल कर एफसीआई के कर्मचारियों से पूछताछ की, तो यह जानकारी मिली कि यहां 145 बंदरों की मौत हुई थी और बिना प्रशासन को सूचित किए इन बंदरों को गोदाम परिसर में ही दफन कर दिया गया.

प्रशासनिक अधिकारी पूरे मामले की जांच पड़ताल में जुट गए हैं. अधिकारियों का कहना था कि मामले की जांच कराई जा रही है और यदि जरूरत होगी तो उसे स्थान की खुदाई भी कराई जाएगी. जोभी इसमें दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, अभी किसी ने कोई लिखित शिकायत नहीं दी है. शिकायत आने पर मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा.

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