मकराना के लोगों के हाथों में हैं जादू, सिर्फ मार्बल ही नहीं हस्तकला में भी छोड़ी अमिट छाप
धीरज सांखला/सिरोही. राजस्थान में जब मार्बल का जिक्र आता है तो नागौर के मकराना के मार्बल का नाम पहले आता है. लेकिन, प्रदेश के सिरोही जिले के पिंडवाड़ा क्षेत्र में बनने वाली मार्बल हस्तकला की मुर्तियां और कलाकृतियां आज के इस आधुनिक युग में विश्व भर में प्रसिद्ध हो रही हैं. पिंडवाड़ा क्षेत्र के कलाकार मार्बल के पत्थर पर अपनी कला का प्रदर्शन कर पूरे विश्व में अपना लोहा मनवा रहे हैं.
दरअसल, यहां के कलाकार मार्बल के पत्थरों को अपनी हस्तकला से विभिन्न प्रकार की कलाकृतियों में बदलकर स्थानीय नहीं बल्कि राज्य, देश और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सिरोही का नाम रोशन कर रहे हैं. आज के इस आधुनिक युग में हर जगह प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से कहीं ना कहीं मशीनी और तकनीकी का उपयोग किया जाता है. इस युग में भी यह कलाकार अपनी पौराणिक कलाओं को, हस्तकला को संजोए रखे हैं और अपने हाथों से बिना किसी मशीन का प्रयोग करे, आज भी पत्थरो को वह विभिन्न प्रकार की कलाकृतियों का रूप दे रहे हैं.
पिंडवाड़ा में मार्बल पर अनेक प्रकार की मूर्तियां और मंदिर बनाए जाते हैं. यहां अलग-अलग प्रकार की कलाकृतियां बनाई जाती है. जिनमें विभिन्न प्रकार के जीव जंतुओं का चित्रीकरण शामिल है. यहां पर निर्मित समस्त प्रकार की कलाकृतियां देश के बाहर निर्यात की जाती है. एक ओर देश के विभिन्न देशों में हाथ से बनी कलाकृतियां और हस्तशिल्प की मांग समय के साथ-साथ बढ़ रही है, वहीं उसका उत्पादन समय के साथ-साथ काफी कम हो रहा है. फिर भी यहां के कलाकार अपने हाथ के हुनर से इस देश की संस्कृति को बचाए रखना चाहते हैं.
बता दें कि सिरोही में मार्बल का उद्योग साल 1987 से चलाया जा रहा है. इस उद्योग को जिला उद्योग केंद्र से पुरस्कृत किया गया है. राजस्थान राज्य के स्तर पर भी उद्योग को हस्तकला में द्वितीय स्थान पर पुरस्कृत प्राप्त हुआ है.
.
Tags: Latest hindi news, Local18, Rajasthan news, Sirohi news
FIRST PUBLISHED : September 21, 2023, 17:13 IST