मडुआ, कौनी और बाजारा पर पूर्णिया में रिसर्च शुरू, किसानों की आय दोगुनी करने पर जुटा विभाग


पूर्णिया : सैकड़ों वर्ष पुराना खेती को अब सरकार पुनः बढ़ावा दे रही है. ऐसे में जहां एक समय सीमांचल के इलाकों में मोटे अनाज की बृहद पैमाने पर खेती हुआ करता थी. लेकिन धीरे-धीरे यह विलुप्त सा होता गया. ऐसे में सरकार के द्वारा मिलेट्स को बढ़ावा मिले और मोटे अनाज मडुआ कोनी और बाजरा की खेती से किसानों की आय दोगुनी हो इसके लिए सरकार और विभाग ने मोटे अनाज पर अनुसंधान का काम शुरू करवा दिया है. इससे आने वाले समय में जलवायु और खेत की मिट्टी के मुताबिक किसान भाई आसानी से मोटे अनाज की खेती कर कम लागत में ज्यादा मुनाफा कमा पाएंगे.

रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों ने बताए इसके फायदे
दरअसल, मखाना और धान की उन्नत प्रभेद की खोज के बाद कृषि कॉलेज में अब मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए यहां अनुसंधान की शुरुआत कर दी गई. हालांकि बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर द्वारा सेंटर आफ एक्सीलेंस का वैल्यू चैन परियोजना अंतर्गत पूर्णिया के भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय में कृषि वैज्ञानिकों की टीम इसका बीज उत्पादन के साथ सम मार्केटिंग भी सुलभ करा पाएंगे.

वहीं जानकारी देते हुए भोला पासवान शास्त्री कृषि महाविद्यालय के वैज्ञानिक डॉ. राधेश्याम और डॉक्टर पंकज कुमार यादव कहते हैं एक समय मोटे अनाज की खेती किसान भाई वृहद पैमाने पर किया करते थे. लेकिन समय के साथ किसान भाई इन फसलों से दूर होते गए. हालांकि सरकार और कृषि विभाग मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है .

जलवायु के मुताबिक पूरे साल होगी खेती
उन्होंने Local 18 से बात करते हुए बताया सेंटर फॉर एक्सीलेंस की तरफ से उन्हें जर्म प्लाजमा दिए गए हैं और इन सभी प्लाज्मा के माध्यम से वह खेती करेंगे. हालांकि उन्होंने कहा कि मडुआ कौनि और बाजरा इन मोटे अनाजों की खेती करने के लिए अलग-अलग जर्म प्लाज्मा दिए गए हैं.

इन-सभी मोटे अनाज का 5 वर्षों तक चलेगा रिसर्च
वह कहते हैं कि जलवायु के मुताबिक उनकी खेती आसानी से हो और ऊंचे-नीचे या गड्ढे किसी भी जमीन में इसकी खेती स समय और सालों भर हो सके इसके लिए अभी से ही रिसर्च की शुरुआत कर दी गई है .ऐसे में उन्होंने कहा कि मोटे अनाज पर अनुसंधान का कार्य अगले 5 वर्षों तक लगातार जारी रहेगा. हालांकि उन्होंने कहा कि सफलता मिलने के बाद इस अनुसंधान से किसान भाइयों को ज्यादा से ज्यादा लाभ होगा.

कम लागत कम समय और सेहत के साथ तगडा मुनाफा
हालांकि वैज्ञानिकों की टीम ने कहा कि मोटे अनाज की खेती करने से किसान भाइयों को कई तरह के फायदे होते हैं. दरअसल उन्होंने कहा कि मोटे अनाज की खेती अधिकतम 60 दिन से लेकर 100 दिनों तक का होता है. जिसमें किसान भाई कम समय में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं साथ ही साथ मोटे अनाज की खेती से मुनाफा तो होगा ही सेहत में भी हम लोगों के कई तरह के फायदे मिलते हैं. हालांकि मोटे अनाज में भरपूर रूप से हमारे शरीर में मिलने वाले सभी पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं जिस कारण मोटे अनाज हम लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होता है.

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