मध्य प्रदेश: सीबीआई ने पूरे परिवार को भेज दिया जेल, क्या किया था ऐसा, कितने साल की मिली सजा?


भोपाल. आय से अधिक संपत्ति मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (Central Bureau of Investigation-CBI) ने 30 सितंबर को एक रिटायर बैंक अधिकारी, उसके परिवार के पांच सदस्यों और एक चार्टर्ड अकाउंट को कठोर कारावास की सजा दी. सभी को यह सजा 19 साल पुराने मामले में मिली है. सीबीआई की विशेष अदालत ने स्टेट बैंक ऑफि इंडिया के पूर्व असिस्टेंट जनरल मैनेजर जितेंद्र प्रताप सिंह को तीन साल के कठोर के कारावास की सजा सुनाई है. इसके अलावा कोर्ट ने उन पर 32 लाख, 22 हजार 250 रुपये का अर्थ दंड भी लगाया है. यह अर्थ दंड न देने की स्थिति में सिंह को तीन महीने अतिरिक्त जेल में रहना होगा. दूसरी ओर, रुपयों की वसूली के लिए उनकी संपत्ति को बेचा जाएगा.

सीबीआई की विशेष अदालत ने उनकी पत्नी किरन सिंह, बेटियों अनवेषा-गरिमा-नम्रता, दामाद समीर सिंह और चार्टर्ड अकाउंटेंट को एक-एक साल की सजा सुनाई है. सभी पर 25 हजार रुपये का अर्थ दंड भी लगा है. सभी आरोपियों पर भ्रष्टाचार से संबंधित धाराओं में केस दर्ज था. सीबीआई ने इन लोगों के खिलाफ साल 2005 में मामला दर्ज किया था. सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच ने रिटायर्ड मैनेजर जितेंद्र के खिलाफ जांच के दौरान कई चल-अचल संपत्तियों के दस्तावेज पकड़े थे. भोपाल से प्रकाशित अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिकि, सूत्रों का कहना है कि सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच को सिंह के घर से कई बैंक अकाउंट, चांदी-सोने के गहने मिले थे.

इस तरह हुआ घपला
इसके बाद सीबीआई ने साल 2007 में आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा कि 1 जनवरी 1999 से लेकर 2 अप्रैल 2005 के बीच सिंह ने करीब 37 लाख 13 हजार 313 की संपत्ति अवैध रूप से अर्जित की. पता चला कि सिंह ने एसबीआई की अलग-अलग ब्रांचों में पत्नी और बेटियों के नाम से बोगस खाते खोले और इस संपत्ति को उनमें खपाया. ट्रायल के दौरान विशेष अदालत के सामने 94 साक्ष्य पेश किए गए. सुनवाई के बाद विशेष अदालत को लगा कि सिंह ने अवैध तरीके से संपत्ति अर्जित की. इसके बाद अदालत ने आरोपियों को सजा सुना दी.

FIRST PUBLISHED : October 1, 2024, 08:41 IST



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