मलाई सा मुलायम और मखमल सा हल्का, ओढ़ेंगे कंबल लगेगा साल, ऐसा बागेश्वर का ये ब्लैंकेट

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Agency:News18 Uttarakhand

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Charu Blanket Bageshwar : इंसानों ने सर्द इलाकों में खुद को सुरक्षित और गर्म रखने के कई तरीके खोजे हैं. इन्हीं में एक तरीका है उत्तराखंड के बागेश्वर का चरू कंबल. ये कंबल पुरानी पीढ़ी का फेवरेट है. युवा पीढ़ी भी…और पढ़ें

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चरू

चरू कंबल 

हाइलाइट्स

  • चरू कंबल बागेश्वर में लोकप्रिय है.
  • हल्का और गर्माहट देने वाला कंबल.
  • 3000 से 4500 रुपये में उपलब्ध.

बागेश्वर. भले ही आप कभी पहाड़ी इलाकों में न गए हों लेकिन वहां की हड्डियां चीरने वाली सर्दियों के बारे में सुना जरूर होगा. करोड़ों साल पुरानी धरती पर कुछ हजार साल पहले अपने पैरों पर खड़े हुए इंसान आगे चलकर पूरी पृथ्वी पर हुकूमत करेंगे, कंदराओं में रहने वाले हमारे पूर्वजों को शायद ही इसका अंदाजा रहा हो. अनेक महामारियों और तबाहियों से बच निकलने के रास्ते खोजता इंसान 2025 तक पहुंचा है. ये धरती के सबसे गर्म इलाकों में भी रहता है और सबसे सर्द इलाकों में भी आबाद है. सर्द इलाके हमेशा से इंसानों के लिए चुनौती रहे हैं. इंसानों ने भी इन इलाकों में खुद को गर्म रखने के कई तरीके खोजे हैं. इन्हीं तरीकों में एक तरीका है उत्तराखंड के बागेश्वर का चरू कंबल.

भोटिया मार्केट

बागेश्वर में ठंड से बचने के लिए कई तरीके अपनाएं जाते हैं. इन्हीं में एक तरीका चरू कंबल ओढ़ने का है. ये कंबल दिखने में बहुत ही हल्का और मुलायम लगता है, लेकिन इसमें गर्माहट अधिक होती है. इस ओढ़ने के बाद आपको रजाई की जरूरत नहीं होगी. बागेश्वर में जनवरी महीने में लगने वाली ‘भोटिया मार्केट’ में चरू कंबल की खूब डिमांड रहती है. लोगों समय निकालकर यहां आते हैं और जमकर मोलभाव कर इस कंबल को खरीदते हैं. दारमा और मुनस्यारी के भोटिया व्यापारी यहां इसे बेचने आते हैं.

तीन से पांच हजार के बीच

बागेश्वर आए व्यापारी अरविंद सिंह ने लोकल 18 को बताया कि आजकल की यंग जेनरेशन इस कंबल को काफी पसंद कर रही है. हालांकि पुराने लोगों में भी चरू की अच्छी खासी डिमांड रहती है. चरू कंबल मार्केट में 3000 से लेकर 4500 रुपये तक बिक रहे हैं. इसके लाइट वेट की वजह से ग्राहक इसे अधिक पसंद करते हैं. उत्तराखंड समेत लिपुलेख और कर्नाटक में भी इस कंबल की खूब डिमांड है. उत्तराखंड में जहां-जहां मेला लगता है और भोटिया मार्केट लगती है, वहां चरू कंबल आसानी से मिल जाता है. बागेश्वर में इसे जिला अस्पताल रोड, मंडलसेरा फील्ड, सरस मार्केट, जिला पंचायत परिसर से खरीदा जा सकता है. भोटिया व्यापारियों से आप इसे डिमांड पर भी मंगा सकते हैं.

असली-नकली का फर्क

व्यापारी अरविंद बताते हैं कि चरू एक तो वजन में हल्का होता है, दूसरा इसकी गर्माहट के सामने बाकी कंबल फेल हैं. इसमें सिलिकॉन और फाइबर होता है. इसे सिलिकॉन की लेयरिंग से तैयार किया जाता है. इतना लाइट वेट होता है कि इजी टू कैरी होता है. इसे ट्रैवल में अपने साथ कैरी किया जा सकता है. यह कंबल खुलने के बाद बड़ा नजर आता है, लेकिन पैकिंग में बहुत छोटा और हल्का होता है. इसका सामान्य वेट चार किलो होता है. ये सिंगल और डबल दोनों साइज में मिलता है. इसकी एक कॉपी इन दिनों लुधियाना में भी बन रही है, लेकिन तिब्बत से आया चरू असली होता है. नकली चरू का मैटीरियल पानी में डालते ही सिमट जाता है.

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