मलेरिया से गर्भावस्था में गंभीर बीमारियों का बढ़ जाता है खतरा, शिशु पर डालता है असर, ऐसे करें बचाव

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बेगूसराय : अगर महिलाओं को बुखार, ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द एवं थकान जैसी समस्याएं होने लगती हैं, तो आप समझ लें मलेरिया जैसी गंभीर बीमारियों का शिकार हो चुके हैं. यह परजीवी संक्रमित मादा एनोफिलीज मच्छर के काटने से होने वाली बीमारी एक बार मानव शरीर में प्रवेश हो जाने के बाद ये परजीवी यकृत में गुणात्मक रूप से बढ़ते हैं और फिर लाल रक्त कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं.

वर्तमान समय में गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को मलेरिया होने की आशंका बढ़ रही है. बिहार के कई जिलों से ऐसे मरीज भी सामने आ रहे हैं. जिसका अगर तुरंत इलाज नहीं किया गया, तो यह मां और बच्चे दोनों के लिए जानलेवा हो सकते हैं. हालांकि, सही उपचार और समय पर मेडिकल ट्रीटमेंट से लक्षणों और जटिलताओं से बचा जा सकता है. अगर कोई भी गर्भवती महिला मलेरिया के लक्षणों को ठीक करने के लिए दवा लेती हैं तो भ्रूण को नुकसान पहुंच सकता है. ऐसे में आइए जानते हैं रिटायर्ड सिविल सर्जन और स्त्री और प्रसूति रोग के क्षेत्र में 35 वर्षों का अनुभव रखने वाले डॉक्टर मीरा सिंह ने लोकल 18 बिहार के जरीए बचाव के तरीके बताएं हैं.

प्रेगनेंसी में मलेरिया होने पर मां और शिशु पर पड़ता है असर
स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. मीरा सिंह ने बताया प्रेग्नेंसी के दौरान मलेरिया होने पर मां और भ्रूण बच्चे दोनों के लिए घातक है. इसमें अबॉर्शन होने का खतरा रहता है. समय से पूर्व छोटा बच्चा या फिर विकलांग बच्चा पैदा होने के साथ-साथ बच्चे और मां दोनों के जान का खतरा रहता है.

महिलाओं के शरीर में खून की कमी, गर्भपात, समय से पहले डिलीवरी होने जैसी परेशानी हो सकती है. वहीं, शिशु का वजन कम होना जैसी परेशानी हो सकती है. NCBI की एक रिसर्च के मुताबिक मलेरिया की वजह से मां और बच्‍चे में एनीमिया और गुर्दे के फेल होने का खतरा रहता है. हालांकि, लोकल 18 इसकी पुष्टि नहीं करती है.

ऐसे करें बचाव
स्त्री और प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. मीरा सिंह ने बताया ने आगे बताया जो महिला गर्भावस्था में है. वो बचाव के तौर पर मच्छरदानी का प्रयोग कर सकते हैं. मच्छर से बचाव भी एकमात्र जरिया खुद को और परिवार को बचाने का हो सकता है. मलेरिया में विशेष रूप से सादा खाना ही खाना है. मेडिकल साइंस के मुताबिक कोई विशेष दवाई इसके लिए नहीं बनी हुई है. जो पूर्ण रुप से बीमारी को खत्म कर दें. भोजन ही बचाव का तरीका हो सकता है. अगर आप एक बार मलेरिया से संक्रमित हो चुके हो, फिर भी इसके दोबारा होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है. बेगूसराय के सिविल सर्जन डॉ. प्रमोद कुमार ने बताया गर्भवती महिलाओं के मलेरिया होने पर इलाज के लिए विषेश रूप से व्यवस्थाएं की जा रही हैं.

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