महाकाल की नगरी में श्रावण महोत्सव, स्थानीय के साथ अन्तर्राष्ट्रीय कलाकार भी होंगे शामिल, देखें पूरा शेड्यूल Shravan Mahotsav in the city of Mahakal International artists will also participate along with local artists know where and when they will give their performance


उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी में हर पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाने की परंपरा सदियों से चली आई है. ऐसे तो महाकाल की नगरी में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं का प्रतिदिन आगमन लगा ही रहता है, लेकिन सावन माह में संख्या काफी बढ़ जाती है. महाकाल मंदिर समिति पिछले 18 साल से अखिल भारतीय सावन महोत्सव का आयोजन कर रही है. इस साल 19वां आयोजन है, जिसमें उज्जैन के साथ अन्य प्रदेश के श्रद्धालु भी हिस्सा लेंगे. श्रावण महोत्सव का आयोजन महालोक के पास स्थित त्रिवेणी कला एवं पुरातत्व संग्रहालय में प्रत्येक शनिवार सायं 07 बजे से होगा.

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री मृणाल मीना ने बताया कि वर्ष 2024 में होने वाले श्रावण महोत्सव में कुल 06 शनिवार को 18 प्रस्तुतियां होंगी, जिसमें राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय कलाकारों के साथ-साथ स्थानीय प्रतिभाओं को भी मंच दिया गया है.

पहले शनिवार/27 जुलाई को श्री रतन मोहन शर्मा मुंबई का शास्त्रीय गायन, श्री गेभी साहब ताल वादन कचहरी, उज्जैन द्वारा समूह तबला वादन व उज्जैन की सुश्री ऐश्वर्या शर्मा के कथक नृत्य की प्रस्तुति दी जाएगी.

-दूसरे शनिवार/03 अगस्त को उज्जैन के श्री राजीव शर्मा, श्री मुकेश शर्मा, श्री शैलेष शर्मा, श्री मिथिलेश शर्मा (शर्मा बन्धु) का शास्त्रीय गायन, पुणे की सुश्री नम्रता गायकवाड व श्री प्रमोद गायकवाड का शहनाई वादन (जुगलबंदी) एवं पुणे की सुश्री निकिता बणावलिकर के कथक नृत्य की प्रस्तुति होगी.

तीसरे शनिवार/10 अगस्त को कोलकाता की सुश्री सुचिता गांगुली का शास्त्रीय गायन, सुश्री श्री वल्ली हैदराबाद के समूह का मोहिनीअट्टम व उज्जैन की सुश्री अनन्या गौर के कथक नृत्य की प्रस्तुति होगी.

चौथे शनिवार/17 अगस्त को कोलकता के श्री प्रसन्ना विश्वनाथन व श्री सागर मोरानकर की ध्रुपद जुगलबंदी, कोलकता के श्री मनाब परई का कथक नृत्य व प्रतिकल्पा सांस्कृतिक संस्था, उज्जैन के द्वारा समूह कथक की प्रस्तुति दी जायेगी.

पांचवे शनिवार/24 अगस्त को सुश्री सानिया पाटनकर, पुणे का शास्त्रीय गायन, नई दिल्ली के श्री कुमार ऋषितोष एवं सहयोगियों द्वारा पञ्च वाद्य कचहरी, जिसमें तबला, पखावज, परकशन, सारंगी, बासुरी की प्रस्तुति के बाद संध्या का समापन उज्जैन की सुश्री अंजना चौहान के कथक नृत्य से होगा.

अंतिम शनिवार/31 अगस्त की संध्या में अजमेर के श्री आनंद वैद्य के शास्त्रीय गायन, इंदौर की संस्था मुद्रा कथक अकादमी के समूह कथक व उज्जैन की सुश्री मयूरी सक्सेना के कथक नृत्य की प्रस्तुति होगी.

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