महाकुंभ का देवघर के बैद्यनाथ मंदिर पर दिखा असर, श्रद्धालुओं की संख्या में आई भारी कमी


Agency:News18 Jharkhand

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प्रयागराज में 144 साल बाद हुए महाकुंभ का असर देवघर के बैद्यनाथ मंदिर पर भी पड़ा है. महाकुंभ में श्रद्धालु संगम में डुबकी लगाने पहुंच रहे हैं, जिससे बैद्यनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी आई है. प…और पढ़ें

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महाकुंभ

महाकुंभ के कारण देवघर बैद्यनाथ मंदिर मे श्रद्धालुओं की संख्या में आई कमी.

हाइलाइट्स

  • प्रयागराज में 144 साल बाद महाकुंभ का आयोजन हो रहा है.
  • महाकुंभ के कारण बैद्यनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी आई है.
  • महाकुंभ के कारण बसंत पंचमी पर भी मंदिर में भीड़ नहीं दिख रही है.

देवघर: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ का असर ना केवल उत्तर प्रदेश, बल्कि झारखंड के देवघर स्थित बैद्यनाथ मंदिर पर भी देखने को मिल रहा है. महाकुंभ का आयोजन 144 सालों बाद हुआ है. इसकी भव्यता और धार्मिक आस्था ने लाखों श्रद्धालुओं को संगम तट की ओर आकर्षित किया है. ऐसा माना जाता है कि महाकुंभ के दौरान संगम में डुबकी लगाने से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि जीवन और मृत्यु के चक्र से मुक्ति भी मिलती है.

हर साल देवघर स्थित बैद्यनाथ मंदिर में लाखों श्रद्धालु पूजा- अर्चना के लिए आते थे. इस मंदिर में प्रतिदिन 40 से 45 हजार श्रद्धालु पूजा करने पहुंचते थे. लेकिन इस साल महाकुंभ के कारण वहां श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी आई है. मंदिर में अब मात्र 10 से 15 हजार श्रद्धालु ही प्रतिदिन पूजा करने के लिए आ रहे हैं. जो मंदिर कभी श्रद्धालुओं से भरा रहता था, वह अब खाली-खाली सा महसूस होने लगा है. इस बदलाव को देखकर मंदिर प्रशासन और तीर्थ पुरोहित हैरान हैं.

क्या कहते हैं तीर्थ पुरोहित प्रमोद श्रृंगारी ?
देवघर के प्रसिद्ध तीर्थ पुरोहित प्रमोद श्रृंगारी ने बताया कि महाकुंभ के दौरान लाखों लोग अपनी आस्था की डुबकी लगाने प्रयागराज जा रहे हैं. ऐसा संयोग शायद ही कभी आता है, इसलिए कई श्रद्धालु विशेष रूप से कल्पवास के लिए भी महाकुंभ पहुंचे हुए हैं. इसके चलते देवघर के बैद्यनाथ मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आई है. उनका कहना है कि बसंत पंचमी पर जो भीड़ उमड़ती थी, इस बार वैसी भीड़ नहीं देखी जा रही है.

महाकुंभ के प्रभाव के कारण, भक्तों की प्राथमिकता अब संगम तट की ओर बढ़ गई है, जिससे देवघर जैसे अन्य तीर्थ स्थलों पर भीड़ कम हो गई है. श्रद्धालुओं के इस बदलाव ने धार्मिक पर्यटन और स्थानीय मंदिरों पर एक नया प्रभाव डाला है, जो आने वाले समय में और भी स्पष्ट हो सकता है.

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महाकुंभ का बैद्यनाथ मंदिर पर दिखा असर, श्रद्धालुओं की संख्या में आई काफी कमी



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