महाराष्ट्र सरकार में तकरार: शिंदे की नाराजगी बढ़ी, फडणवीस से दूरी


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Maharashtra News: महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की महायुति सरकार में तकरार जारी है. डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पालक मंत्रियों के मसले पर नाराज हैं और कैबिनेट बैठकों से दूरी बना रहे हैं.

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डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे नाराज बताए जा रहे हैं.

हाइलाइट्स

  • महाराष्ट्र में महायुति सरकार में तकरार जारी.
  • डिप्टी सीएम शिंदे पालक मंत्रियों के मसले पर नाराज.
  • शिंदे ने कई कैबिनेट बैठकों से दूरी बनाई.

Maharashtra News: महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महायुति सरकार के भीतर तकरार थमने का नाम नहीं ले रही है. महायुति के तीनों घटक दल भाजपा, शिवसेना और एनसीपी के नेता आपस में हर एक कदम पर मोलभाव करने में जुटे हैं. ताजा रिपोर्ट के मुताबिक डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे की शिकायतें अब तक दूर नहीं हुई हैं. इस कारण वह अपनी ही सरकार से दूरी बनाने लगे हैं. पहले ही सीएम की कुर्सी, फिर गृह मंत्रालय, फिर अपनी पसंद के मंत्रालय और अब पालक मंत्रियों के मामले में उनकी नाराजगी बनी हुई है. इस कारण वह बीते कुछ समय से कैबिनेट बैठक और कई अन्य अहम मीटिंग में देवेंद्र फडणवीस के साथ शामिल नहीं हो रहे हैं.

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक सोमवार को देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में वार रूम मीटिंग हुई. इस बैठक में एकनाथ शिंदे शामिल नहीं हुए. इसके अलावा उन्होंने शहरी विकास मंत्रालय की दो समीक्षा बैठकें भी रद्द कर दी. बीते सप्ताह भी एकनाथ शिंदे कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हुए थे.

पालक मंत्रियों को लेकर नाराजगी
एकनाथ शिंदे की नाराजगी की वजह पालक मंत्रियों का मामला है. इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि दावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की बैठक से सीएम फडणवीस के लौटने के 10 दिन बाद भी अभी तक रायगड़ और नासिक जिलों के पालक मंत्रियों का मसला नहीं सुलझा है.

रायगड़ में एनसीपी की अदिति तटकरे को पालक मंत्री बनाया गया था. नासिक में भाजपा के गिरिश महाजन को यह जिम्मेदारी मिली थी. लेकिन शिवसेना के विरोध के बाद सीएम ने दावोस से ही इन नियुक्तियों को रद्द कर दिया था. शिवसेना इन दोनों जिलों में अपना पालक मंत्री चाहती है. इसके लिए पार्टी के नेता भरत गोगावले और दादा भुसे रेस में बताए जा रहे हैं. लेकिन, सीएम की ओर इस बारे में अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.

शिंदे ने अपने नेताओं का बचाव करते हुए यह भी कहा है कि पालक मंत्री बनने की चाहत रखने में कुछ भी गलत नहीं है. शिवसेना के नेता सार्वजनिक तौर पर पालक मंत्री बनाए जाने की मांग कर चुके हैं. इसके लिए उनके समर्थकों संबंधित जिलों में हाईवे तक को जाम कर दिया था.

शिवसेना और एनसीपी दोनों ने पालक मंत्रियों के मसले नहीं झुकने की बात कही है. ऐसे में माना जा रहा था कि देवेंद्र फडणवीस के दावोस से लौटने के बाद इस मसले को सुलझा लिया गया है. लेकिन, 10 दिन बीत जाने के बाद भी इस मसले का कोई समाधान नहीं निकलने से एकनाथ शिंदे नाराज बताए जा रहे हैं.

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