मांस हो या दूध…बिहार के किसान करें बकरी के इन नस्लों की फॉर्मिंग, बेहद कम लागत में शुरू हो जाएगा बड़े मुनाफे वाला व्यापार
Agency:News18 Bihar
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Champaran News : बिहार के मटन की पूरे विश्व में डिमांड है. ऐसे में यदि यहां के पालक ‘ब्लैक बंगाल’ नस्ल की बकरी का पालन करते हैं, तो उन्हें आर्थिक रूप से बेहद अधिक लाभ होने की संभावना बनेगी. दरअसल, बकरी की ब्लैक…और पढ़ें
प्रतीकात्मक तस्वीर
हाइलाइट्स
- बिहार के किसान ब्लैक बंगाल नस्ल की बकरी पालें.
- ब्लैक बंगाल नस्ल मांस के लिए उत्तम मानी जाती है.
- जमुनापारी नस्ल दूध और मांस दोनों के लिए बेहतर है.
पश्चिम चम्पारण. बकरी को गरीबों का गाय भी कहा जाता है.बिहार के लगभग हर ज़िले में इसका पालन मुख्य रूप से किया जाता है.विशेषज्ञों की माने तो, जिस प्रकार गाय पालन कर कोई भी व्यक्ति अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकता है. ठीक उसी प्रकार बकरी पालन भी आर्थिक दृष्टिकोण से बेहद फायदे का सौदा साबित हो सकता है. जरूरत है तो सिर्फ बकरी के कुछ खास नस्लों का चयन करना.
ज़िले के माधोपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में पशु वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत, डॉ. जगपाल बताते हैं कि वैसे तो भारत में जमुनापारी, बरबरी, बीटल, सिरोही, ब्लैक बंगाल तथा ओस्मानाबादी को बकरियों की सबसे उत्तम नस्ल माना जाता है. लेकिन बिहार के परिवेश के अनुसार, इनमें से कुछ का ही नस्लों का पालन यहां के पलकों को करना चाहिए.
बिहार के पालकों के लिए उत्तम है बकरी की ये नस्ल
बकौल डॉ. जगपाल, बिहार के मटन की पूरे विश्व में डिमांड है.ऐसे में यदि यहां के पालक ‘ब्लैक बंगाल’ नस्ल की बकरी का पालन करते हैं, तो उन्हें आर्थिक रूप से बेहद अधिक लाभ होने की संभावना बनेगी.दरअसल, बकरी की ब्लैक बंगाल नस्ल को मांस के दृष्टिकोण से बेहद उम्दा माना जाता है. बेहद कम खर्च में उनके शरीर का अच्छा विकास हो जाता है, जिससे अच्छी मात्रा में मांस की प्राप्ति होती है. ऐसे में यहां के किसान यदि ब्लैक बंगाल नस्ल के बकरी की फॉर्मिंग करते हैं, तो उन्हें बिना किसी नुकसान एक बेहतर आमदनी का स्त्रोत मिलेगा.
मांस के दृष्टिकोण से करें इस नस्ल की बकरी का पालन
बकरी की ‘बरबरी’ नस्ल का पालन मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश में किया जाता है. यूपी के एटा, अलीगढ़ तथा आगरा जैसे ज़िलों में इसकी फॉर्मिंग खूब की जाती है. जानकार बताते हैं कि इस नस्ल को भी मांस के दृष्टिकोण से ही पाला जाता है. बिहार के किसान भी बकरी के बरबरी नस्ल की फॉर्मिंग कर सकते हैं.
दूध के लिए करें इस नस्ल का पालन
जमुनापारी को मुख्य रूप से दूध के पर्पस से पाला जाता है. बकरी की ये नस्ल उत्तर प्रदेश के मथुरा, इटावा और उसके आसपास के क्षेत्रों में पाई जाती है. खास बात यह है कि बिहार के किसान भी इसका पालन कर सकते हैं. ये दूध और मांस, दोनों के लिए बेहतर मानी जाती है. इसे बकरी की सबसे अच्छी नस्ल कहा जाता है. लंबे कानों वाली ये बकरी 2 से 2.5 ढाई लीटर दूध प्रतिदिन देती है.
मां एवं दूध दोनों के लिए बेहतर
वैसे तो बकरी के सिरोही नस्ल का पालन मुख्य रूप से राजस्थान के सिरोही, अजमेर, बांसवाड़ा, राजसमंद और उदयपुर के क्षेत्रों में किया जाता है. लेकिन, बिहार के किसान भी इसका पालन कर सकते हैं. ये नस्ल दूध और मांस, दोनों के लिए सक्षम है.
Pashchim Champaran,Bihar
February 04, 2025, 12:52 IST