मात्र 1 हजार रुपये में किसान बचा सकते है अपनी जान, इस यंत्र को लगाने से नहीं होगा वज्रपात…
[ad_1]
गया : बरसात के दिनों में खेतों में काम करने के दौरान वज्रपात से किसानों की जान चली जाती है. ऐसे में वज्रपात को रोकने के लिए आपदा विभाग ने एक ऐसे जुगाड़ू यंत्र को ईजात किया है जिससे खेत में काम करने के दौरान किसान वज्रपात से बच सकते हैं. कुछ दिनों बाद मानसून आने वाले हैं और मानसून के आगमन के साथ ही किसान खेतों में धान की फसल लगाने के लिए उतर जाते हैं. ऐसे में यह यंत्र किसानों को वज्रपात के चपेट में आने से बचा सकता है.
आपदा विभाग ने लाइटनिंग अरेस्टर जिसे तड़ित चालक कहा जाता है इसे किसान खेतों में काम करने के दौरान लगा सकते हैं. इसे लगाने के बाद 200 मीटर के रेंज में वज्रपात की संभावना कम हो जाती है.
ट्रायल के तौर पर यह यंत्र बिहार के पूर्णिया जिले में लगाया गया था और यह काफी कारगर माना गया है. एक यंत्र गया आपदा विभाग के कार्यालय के समीप भी लगा हुआ है और इस यंत्र को बनाने में लगभग 2 हजार रुपए का खर्च आता है. वैसे जुगाड़ टेक्नोलॉजी के जरिए किसान इसे महज 1000 रुपया में बना सकते हैं. इसे बनाने के लिए कॉपर वायर, राड, सुखी बांस, कोयला, नमक साइकिल का रिम आदि का इस्तेमाल होता है. इसे तांबे के तार से जोड़कर, उस को नीचे लाकर धरती में गाड़ कर, इसके आखिरी सिरे पर कोयला और नमक मिलाकर, उस आखिरी सिरे का अन्त किया जाता है.
यह एक ऐसा यंत्र है जो कॉपर का बना होता है. इससे हमेशा घर के छत पर लगावाया जाता है. तारों के द्वारा इसकी अर्थिंग कर जमीन में गाड़ दिया जाता है. ये ऊपर से थोड़ा पतला और नीचे से मोटा होता है. इससे ज्यादा पावर करंट भी सीधे जमीन में चला जाता है. यही कारण है कि खतरा काफी कम हो जाता है. घर के अलावे इसे खेतों मे लगाकर भी किसान अपनी जान बचा सकते हैं. गौरतलब हो कि गया जिले के फतेहपुर और टनकुप्पा प्रखंड क्षेत्र में सबसे अधिक वज्रपात होती है और खेतों में काम करने के दौरान कई किसानों की वज्रपात से मौत भी हो चुकी है. ऐसे में यह यंत्र किसानों की जिंदगी को बचा सकती है.
तड़ित चालक जिसे लाइटनिंग अरेस्टर भी कहा जाता है इस यंत्र के बारे में जानकारी देते हुए आपदा विभाग गया के मास्टर ट्रेनर रवीश कुमार, रविन्द्र कुमार एवं आपदा विभाग के नोडल पदाधिकारी कुमार दीपक बताते हैं कि यह यंत्र बरसात के दिनों में किसानों के लिए काफी लाभकारी माना गया है. इसे लगाने से 200 मीटर की रेंज में वज्रपात की संभावना कम जाती है. इस यंत्र को बनाने में लगाने में लगभग 2-3 हजार रुपए खर्च आता है लेकिन जुगाड़ टेक्नोलॉजी से किसान इसे तैयार करेंगे तो लगभग 1000 रुपये का खर्च आएगी.
Tags: Bihar News, Gaya news, Local18
FIRST PUBLISHED : May 20, 2024, 23:23 IST
[ad_2]
Source link