मान गए जयशंकर का लोहा! चीन के जबड़े से निकाला, अब जल्द दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाएगा ये मुल्क


विदेश मंत्री एस जयंशकर की कूटनीति का लोहा हर कोई मानता है. अब यह बात साबित भी हो गई है. बीते माह उन्होंने चीन के जबड़े में फंसे एक नन्हे मुल्क का तीन दिनों का दौरा किया. उससे पहले उस मुल्क और उसके राष्ट्रपति की जुबां पर हर वक्त चीन का ही नाम होता था. लेकिन अब स्थिति बदल गई है. बीते एक साल में यह इस मुल्क के रुख में 180 डिग्री का बदलाव हुआ है. एक साल पहले यह भारत के खिलाफ नफरत की बात कर रहा था. वही आज दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाने को उतारू है.

दरअसल, हम बात कर रहे हैं मालदीव की. मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू बहुत जल्द भारत की आधिकारिक यात्रा करेंगे. उनकी प्रवक्ता ने मंगलवार को यह जानकारी दी. राष्ट्रपति कार्यालय की मुख्य प्रवक्ता हीना वलीद ने मुइज्जू की यात्रा की घोषणा उस दिन की जब जनवरी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों के लिए निलंबित किए गए तीन में से दो कनिष्ठ मंत्रियों ने सरकार से इस्तीफा दे दिया. निलंबित मंत्रियों मरियम शिउना तथा मालशा शरीफ ने मंगलवार को इस्तीफा दिया.

ऑनलाइन समाचार पोर्टल सन की खबर के अनुसार, प्रवक्ता ने कहा कि यात्रा की सटीक तारीख अभी तय नहीं हुई है और दोनों पक्ष ऐसी तारीख पर चर्चा कर रहे हैं, जो दोनों देशों के नेताओं के लिए सुविधाजनक हो. प्रवक्ता ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राष्ट्रपति का जल्द ही भारत जाने का कार्यक्रम है. जैसा कि आप जानते हैं, ऐसी यात्राएं ऐसे समय निर्धारित की जाती हैं, जो दोनों देशों के नेताओं के लिए अधिकतम सुविधाजनक हो. इस संबंध में चर्चा जारी है.

मोदी के शपथ ग्रहण में भारत आए थे
चीन समर्थक रुख के लिए जाने जाने वाले मुइज्जू ने प्रधानमंत्री मोदी के शपथग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए 9 जून को नई दिल्ली की यात्रा की थी. पद संभालने के बाद सबसे पहले नयी दिल्ली की यात्रा करने वाले अपने पूर्ववर्तियों के विपरीत मुइज्जू ने सबसे पहले तुर्किये की यात्रा की और जनवरी में अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर चीन पहुंचे थे. मोदी के शपथग्रहण समारोह में भारत के पड़ोसी और हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के प्रमुख शामिल हुए थे. मुइज्जू ने तब कहा था कि उन्हें प्रधानमंत्री मोदी का निमंत्रण पाकर और उनके शपथग्रहण में शामिल होकर खुशी हुई.

मुइज्जू ने स्वदेश लौटने के बाद अपनी पहली भारत यात्रा को मालदीव और क्षेत्र के लिए सफलता बताया था तथा कहा था कि दोनों देशों के बीच मजबूत संबंधों से मालदीव के लोगों के लिए समृद्धि बढ़ेगी. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अगस्त में मालदीव की यात्रा की थी. पिछले साल नवंबर में मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद नयी दिल्ली की ओर से मालदीव की यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा थी.

रिश्तों में तनाव
मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से मालदीव के साथ भारत के रिश्ते में तनाव आ गया. अपनी शपथ के कुछ ही घंटों के भीतर, उन्होंने भारत द्वारा मालदीव को उपहार में दिए गए तीन विमानन प्लेटफॉर्म पर तैनात भारतीय सैन्यकर्मियों से वापस जाने को कहा था. दोनों पक्षों के बीच बातचीत के बाद भारतीय सैन्यकर्मियों की जगह असैन्य कर्मियों ने ले ली थी.

मालदीव के तीन उपमंत्रियों द्वारा सोशल मीडिया पर भारत तथा प्रधानमंत्री मोदी को लेकर विवादित टिप्पणी किए जाने के बाद तल्खी और बढ़ गई थी. मालदीव के विदेश मंत्रालय ने उनकी टिप्पणियों से दूरी बनाते हुए कहा था कि वे मालदीव सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. जिन तीन कनिष्ठ मंत्रियों को निलंबित कर दिया गया था और उनमें से दो मरियम शिउना तथा मालशा शरीफ ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया.

Tags: China india, EAM S Jaishankar, Maldives



Source link

x