मालदीव को ‘नया पाकिस्तान’ बना रहा चीन, यूज एंड थ्रो ही होगा अंजाम, क्यों नहीं समझ रहे मुइज्जू?
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नई दिल्ली: मालदीव अब पूरी तरह से चीन का गुलाम बन गया है. चीन की सरपरस्ती में वह आगे बढ़ने का ख्वाब देख रहा है. मगर उसे नहीं पता कि उसका अंजाम भी पाकिस्तान जैसा होने वाला है- यूज एंड थ्रो. चीन ने अपना उल्लू सीधा करने के लिए पाकिस्तान को खूब लॉलीपॉप दिए. मगर कदम-कदम पर चीन ने पाकिस्तान को ठेंगा भी दिखाया. एक दिन मालदीव का भी कुछ ऐसा ही अंजाम होगा. चीन इतना चतुर है कि वह केवल अपना फायदा देखता है. अपने फायदे के लिए वह किसी भी हद तक जा सकता है. जैसे ही उसका काम पूरा हो जाएगा, वह मालदीव को भी चाय की मक्खी की तरह निकालकर फेंक देगा. पाकिस्तान इसका सबसे सटीक उदाहरण है. मगर जिद्दी मुइज्जू हैं कि समझने को तैयार ही नहीं.
दरअसल, चीन ने अपने मतलब के लिए पाकिस्तान से खूब यारी बढ़ाई. भारत को अलग-अलग मोर्चों पर घेरने के लिए उसने हिंदुस्तान के दुश्मन को अपना दोस्त बनाया. चीन ने क्षेत्र में दबदबा बनाने के लिए पाकिस्तान में भारी-भरकम निवेश किया. पाकिस्तान को कर्ज तले दबाकर अपना गुलाम बनाया. उस पर पैसों की बारिश कर दी. उसे खूब हथियार भी दिए. मगर अब चीन का पाकिस्तान से मोहभंग होने लगा है. अब वह धीरे-धीरे हांथ खींचने लगा है. आर्थिक कॉरिडोर सीपेक यानी चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर हो या ग्वादर प्रोजेक्ट, चीन ने पाकिस्तान में खूब पैसा बहाया. मगर यह समझना चाहिए कि यह सब चीन ने अपने फायदे के लिए किया. उसने पाकिस्तान का खूब यूज किया. बदले में पाक को क्या मिला. ठेंगा. चीन ने लॉलीपॉप के रूप में कुछ कर्ज जरूर दिए. मगर अब चीन वह वापस चाहता है.
ड्रैगन ने हर बार दिया दगा
चीन ने पाकिस्तान को कई बार चूना लगाया. जब कोरोना से पाकिस्तानी आवाम मर रही थी, तब भी चीन ने धोखा दिया. ड्रैगन ने अंडरवियर से बने मास्क भेजे. कोरोना वैक्सीन देने में आनाकानी की. थक हारकर पाकिस्तान को अपनी फ्लाइट भेजनी पड़ी, तब जाकर ड्रैगन ने वैक्सीन दी. इतना ही नहीं, चीन ने नई तकनीक के आधुनिक हथियारों के नाम पर पाकिस्तान को कबाड़ दिया. चीन ने पाकिस्तान को CH-4 यूएवी दिए. ये सभी अटैक आर्म्ड ड्रोन थे. मगर वे सभी कबाड़ साबित हुए. कुछ ड्रोन टूटे तो कुछ में क्रैक थे. चीनी AR-2 एयर टू ग्राउंड मिसाइल तो ट्रायल के दौरान ही फुस्स हो गए. ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां पाकिस्तान को निराशा ही हाथ लगी. चीन ने सुरक्षा कारणों से अब पाकिस्तान में निवेश करना भी बहुत कम कर दिया है.
पैसे के बदले अब पाक को मिल रहा ज्ञान
इतना ही नहीं, चीन ने सीपीईसी प्रोजेक्ट के लिए अब पैसे देने रोक दिए हैं. चीन ने तो पाकिस्तान को खर्च में कटौती करने तक का ज्ञान दे दिया है. साथ ही, चीन ने पाकिस्तान को बिना शर्त कर्ज देने से इनकार कर दिया है. चीन ने साफ कह दिया है कि वह पाकिस्तान को कर्ज में कोई राहत नहीं देगा. पाकिस्तान चीन के कर्ज में नाक तक डूब गया है. पाकिस्तान भले ही खुद को चीन का सदाबहार दोस्त समझे, मगर हकीकत तो यह है कि ड्रैगन उसे अपना गुलाम समझता है. अब हिंद महासागर क्षेत्र में दबदबा कायम रखने के लिए चीन की नजर मालदीव पर पड़ी है. चीन अब मालदीव को अपने कर्ज तले दबाना चाहता है. चीन उसे अपना पकिया गुलाम बनाना चाहता है. और मोहम्मद मुइज्जू हैं कि बन भी रहे हैं.
चीन के चंगुल में फंस गया मालदीव
चीन के चंगुल में मालदीव किस कदर फंस चुका है, इसका ताजा उदाहरण सामने है. मालदीव ने चीनी राजदूत के सामने गिड़गिड़ाया है. दिलचस्प बात यह है कि राष्ट्रपति होकर मोहम्मद मुइज्जू मालदीव में चीन की राजदूत वांग लेइन के सामने गिड़गिड़ाते नजर आए. हालांकि, मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू का यह गिड़गिड़ाना काम आ गया. चीन ने भी चिड़िया को अपने जाल में फंसाने के लिए दाना फेंक दिया है. चीन ने मालदीव को हर संभव आर्थिक मदद देने का भरोसा जताया है. चीन का कहना है कि वह मालदीव की हर जरूरतों को पूरा करेगा. दरअसल, चीन की यात्रा के दौरान जिनपिंग ने मुइज्जू वादा किया था. इसलिए चीन ने मालदीव की मौजूदा जरूरतों को पूरा करने और टूरिज्म को बढ़ावा देने में मदद का भरोसा जताया है.
आखिर कब समझेंगे मुइज्जू?
हालांकि, मालदीव के राष्ट्रपति की चीनी राजदूत वांग लेइन के साथ मुलाकात की यह तस्वीर वायरल हो गई. मुइज्जू के बॉडी लैंग्वेज ने सब बयां कर दिया कि वह किस कदर चीन के गुलाम हो चुके हैं. उन्होंने मालदीव के जमीर को जैसे चीन के हाथों बेच दिया है. चीन की वजह से ही मुइज्जू ने भारत से दुश्मनी मोल ली. इसका असर उसके दिल यानी टूरिज्म पड़ा. उसकी कमर टूट गई है. भारत के खिलाफ मालदीव के कदम ने उसे कहीं का नहीं छोड़ा. अभी उसे चीन का लेमनचूस अच्छा लग रहा है, मगर जिस दिन चीन का अपना मतलब खत्म होगा, मालदीव की भी हालत पाकिस्तान जैसी होगी. अब देखना होगा कि आखिर चीन की गुलामी कर रहे मोहम्मद मुइज्जू कब सबक लेते हैं. ऐसा न हो कि देर हो जाए और मालदीव भी पाकिस्तान की तरह पूरी तरह से कंगाल और तंगहाल हो जाए.
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FIRST PUBLISHED : July 12, 2024, 06:08 IST
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