मुंह टेढ़ा, हाथ टेढ़ा, गोविंद नामदेव के लिए आसान नहीं था ‘विरासत’ का बिरजू ठाकुर बनना, फिर ऐसे निभाया किरदार
मुंबई. Govind Namdev Exclusive Interview: बॉलीवुड के सबसे प्रतिभाशाली कलाकारों में एक गोविंद नामदेव ने अपना अलग मुकाम हासिल किया है. अपने 30 साल के फिल्मी करियर में उन्होंने कई दमदार किरदार निभाए हैं. वह हाल में फिल्म ‘आजम’, ‘चिड़ियाखाना’ और रणदीप हुड्डा (Randeep Hooda) स्टारर वेब सीरीज ‘इंस्पेक्टर अविनाश’ (Web Series Inspector Avinash) में अहम किरदार निभाते हुए दिखे. उन्होंने न्यूज 18 हिंदी से अपने फिल्मी करियर और बदलते किरदारों के बारे में बात की. इन किरदारों को निभाने पर उन्होंने खुशी जताई है. सबसे पहले गोविंद ने इन दिनों मिल रही प्रसिद्धि पर खुशी जताई और कहा कि हर एक्टर चाहता है कि उसके काम को पसंद किया जाए. लोग उसे याद रखे.
गोविंद नामदेव (Govind Namdev) ने ‘शोला और शबनम’, ‘आंखें’, ‘सरफरोश’, ‘विरासत’, ‘वांटेड’, ‘सिंघम’, ‘राधे’, ‘भूल भुलैया 2’ समेत सैंकड़ों फिल्मों में काम किया. गोविंद ने ज्यादातर फिल्मों में नेगेटिव शेड वाले किरदार निभाए. जब उनसे इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “शुरुआती दौर में मुझे बहुत ही अच्छे नेगेटिव रोल मिले. उन फिल्मों और काफी सराहा गया. ‘बैंडिट क्वीन’, ‘विरासत’, ‘कच्चे धागे’ और ‘सरफरोश’ ऐसी ही कुछ फिल्मे हैं.”
गोविंद नामदेव ने 2 पैरालाइसिस पर्सन को ऑब्जर्व किया
गोविंद नामदेव ने बताया कि उनका सबसे फेवरिट किरदार कौन-सा था? उन्होंने कहा,”विरासत में लकवाग्रस्त बिरजु ठाकुर का जो किरदार है, वो करते हुए बहुत मेहनत लगी. हाथ भी टेढ़ा, मुंह भी टेढ़ा चल नहीं सकता है. फिर भी उसको अकड़ दिखानी है. ठकुराई दिखानी है. इस किरदार को निभाने के लिए मैंने 2 ऐसे लोगों को ऑब्जर्व किया, था जो लकवा से ग्रसित थे. उनके बारे में सारी बातों को समझा. डॉक्टर्स से बात की. उन्हें लकवा लगने बाद किस तरह का महसूस हुआ. कैसे वो अपने आपको बचाने के लिए किस तरह की एक्टिविटी कर रहे थे. कैसा रूटीन रखते थे.”
गोविंद नामदेव ने सीखी पैरालाइसिस शख्स की हरकतों की बारिकियां
गोविंद नामदेव ने आगे कहा, “मेरी खुशनसीबी थी कि उनमें से एक डॉक्टर थे. उनका हाथ पैरालाइसिस था. उन्होंने काफी बारीकी से इस बारे में बताया कि क्या-क्या महसूस होता है. जब कोई इमोशंस दिखाना चाहता है, लेकिन बोल नहीं सकता, तो फिजिकल तौर पर कैसे एक्सप्रेस करता है. इन्हीं सब चीजों पर बात हुई और इस पर काम हुआ. फिल्म रिलीज के बाद इस किरदार को करने के लिए मुझे खूब सराहा गया. डायरेक्टर को भी सराहा गया.”
हीरो-हिरोइन और विलेन, 3 तरह के रोल होते हैंः गोविंद नामदेव
गोविंद नामदेव ने फिल्मों लीड रोल की भ्रांतियों को भी तोड़ा. उन्होंने कहा कि फिल्मों सिर्फ तीन ही रोल होते हैं- हीरो, हिरोइन और विलेन. बाकी सब सपोर्टिंग रोल होते हैं. उन्होंने कहा कि शुरुआत में उन्होंने इतने नेगेटिव किरदार निभाए कि कभी ध्यान ही नहीं गया और किसी और को ध्यान रहा. उन्होंने कहा कि अब वह पॉजिटिव कैरेक्टर भी कर रहा हूं.
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FIRST PUBLISHED : June 06, 2023, 15:29 IST