‘मुझे बहुत बुरा लगता था’, समाज के तानों को हराकर प्रिया भार्गव ने जीता मिस एशिया इंटरनेशनल व्हीलचेयर का खिताब


सुमित राजपूत/नोएडा: ‘मन के हारे हार है और मन के जीते जीत’…यह कहावत प्रिया भार्गव (Priya Bhargava) पर बिल्कुल सटीक बैठती है. मिस एशिया व्हीलचेयर 2024 (Miss Asia Wheelchair 2024) का खिताब वो अपने नाम कर चुकी हैं. शायद ही किसी ने सोचा होगा कि वो ऐसा कर पाएंगी, लेकिन उन्होंने को कर दिखाया. फिलहाल वो एक साइकोलॉजिस्ट है और सैकड़ों लोगों को देश विदेश में सलाह देती हैं.

प्रिया भार्गव  की कहानी
मिस एशिया इंटरनेशनल व्हीलचेयर पेजेंट का ताज अपने सिर पर सजाने वाली प्रिया भार्गव बताती हैं कि जब वो 19 साल की थी उसी समय वो लुपस नाम की बीमारी हुई थी. लेकिन कई डॉक्टर ने इसे अन्य रूप में देखा. फिर एक डॉक्टर मिले, जिन्होंने इस बीमारी का इलाज करना शुरू किया. दरअसल ये बीमारी करीब 45 लाख में से किसी एक इंसान में होती है. जिसमे से एक है प्रिया भार्गव हैं. इसी बीमारी के चलते ये डिसेबिलिटी कैटेगरी में घोषित हो गई. उनका सपना डॉक्टर बनने का था जोकि बीमारी के कारण पूरा नहीं हो पाया.

समाज से हमेशा मिले ताने
प्रिया भार्गव बताती हैं कि जब वो इस बीमारी से जूझ रही थी, उस समय पड़ोसी, समाज और रिश्तेदार उन्हें सीधी आंख से नही देखते थे. किसी भी फंक्शन, पार्टी या शादी विवाह में शामिल करना अशुभ मानते थे, जो उन्हें बहुत बुरा लगता था. एक दिन किसी ने कहा कि कब तक रोते रहोगे अपनी कंडीशन को लेकर अपने लिए लड़ो. तब  उन्होंने ठाना और व्हीलचेयर पर ही प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया. साल 2015 में प्रिया ने मिस इंडिया व्हीलचेयर का खिताब हासिल किया. उसके बाद 2017 में मिस व्हीलचेयर वर्ल्ड 2017 में हिस्सा किया जिसमे वो तीसरे स्थान पर आईं थी. और अब एशिया का खिताब अपने नाम किया है.

साइकोलॉजी की देती हैं ऑनलाइन क्लास
मिस एशिया व्हीलचेयर पेजेंट का आयोजन 28 अप्रैल 2024 को हुआ जिसका ताज उन्होंने अपने सिर पर सजाया. प्रिया भार्गव ने एमसीए किया और वो साइकोलॉजी से एमए किया है. ऑनलाइन क्लास चलाकर लोगों को ट्रेनिंग देती है. इसके साथ ही एमएनसी के क्लाइंट को ऑनलाइन डील करती हैं, जिससे वो अपना और अपने परिवार का खर्चा चलाकर रही हैं.

Tags: Inspiring story, Local18, Noida news



Source link

x