मुरादाबाद में क्यों बंद कराई जा रही है पीतल की भटि्टयां, जानें वजह



पीतल दस्तकारों का कहना है कि शहर की लगभग 60 प्रतिशत आबादी पीतल व्यवसाय से जुड़े हुए हैं. इसमें 40 प्रतिशत मजदूर तबका है. जिसकी रोजी-रोटी इसी से जुड़ा है. भट्टियों के बंद होने से महज पीतल दस्तकारों पर ही इसका असर नहीं पड़ेगा बल्कि निर्यात को भी काफी हद तक नुकसान उठाना पड़ेगा क्योंकि पीतल व्यवसाय के लिए भट्टियां पहला पायदान है.



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