मैंने जिस तरह विरोध किया था रिश्ता खत्म हो जाता… पर श्रेय सुशील मोदी को जाता है, शिवानंद तिवारी ने जाहिर की भावनाएं


पटना. बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार के निधन से पटना से लेकर दिल्ली तक शोक की लहर है. सुशील कुमार के निधन के बाद से उनके समय के उनके तमाम साथी राजनेता अपनी भवनाएं प्रकट कर रहे हैं. सुशील कुमार मोदी के निधन से मर्माहत नीतीश कुमार ने भी सोशल मीडिया के जरिए अपनी भावनाएं जाहिर कर लिखा- उन्होंने अपना दोस्त खो दिया. वहीं सुशील कुमार मोदी के निधन के बाद आरजेडी के सीनियर लीडर शिवानंद तिवारी ने भी अपनी भावनाएं शेयर की.

शिवानंद तिवारी ने अपनी भावनाएं जाहिर करते हुए कहा कि जब पिछली बार आये थे उनसे मिलना हुआ था. वह मुश्किल से बोल पा रहे थे. हमलोगों के बीच एक अजीब रिश्ता था. मैंने जिस तरह सुशील मोदी का विरोध किया था उसके बाद तो हमारा रिश्ता ही खत्म हो जाना चाहिए था. लेकिन, इस रिश्ते को निभाने का श्रेय सुशील जी को ही जाता है. बिहार की राजनीति का एक बौद्धिक और साफ सुथरा व्यक्तित्व असमय चला गया. मैं सुशील की स्मृति को सलाम करता हूं.

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बता दें, सुशील मोदी ने जब कैंसर बीमारी से ग्रसित होने की जानकारी दी थी तो उस दौरान भी शिवानंद तिवारी ने मार्मिक प्रतिक्रिया दी थी. शिवानंद तिवारी ने अपने संदेश में लिखा था- सुशील मोदी की बीमारी की खबर सुनकर बहुत पीड़ा हुई. 74 के बिहार आंदोलन से उपजे त्रिमूर्ति में से सुशील एक हैं. सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों का नेतृत्व आज इन्हीं त्रिमूर्ति के हाथ में है. लालू यादव, नीतीश कुमार और सुशील मोदी तीनों उसी आंदोलन से निकले हैं और धीरे-धीरे इन लोगों ने बिहार की राजनीति की पुरानी पीढ़ी को अपदस्थ किया. लगभग तीस वर्षों से इन्हीं तीनों के हाथ में बिहार की राजनीति का नेतृत्व है.

शिवानंद तिवारी ने आगे था- सुशील और मैं लगभग तीन महीना बांकीपुर जेल में एक साथ और एक ही सेल में रहे हैं. हमलोगों में तीखा वैचारिक मतभेद रहा है. लेकिन सबकुछ के बावजूद सुशील मोदी के साथ मेरा स्नेहिल संबंध बना रहा है. सुशील जुझारू नेता रहे हैं

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