मोदी से खूब मिल रहा ब्रिटेन के भावी PM स्टार्मर का ‘मन’, देश को लेकर सोच सेम, कैसे भारत की UK से जमकर बनेगी?


नई दिल्ली: ब्रिटेन में अबकी बार किसकी सरकार? आज इसका जवाब मिल गया. ब्रिटेन में लेबर पार्टी का वनवास खत्म हो गया. 14 साल के लंबे इंतजार के बाद लेबर पार्टी की ब्रिटेन में सरकार बनने जा रही है. लेबर पार्टी के कीर स्टार्मर ने मौजूदा पीएम ऋषि सुनक को पटखनी दे दी है. लेबर पार्टी ने ब्रिटेन आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी को पूरी तरह से रौंद दिया है. आम चुनाव के नतीजों में लेबर पार्टी को बहुमत मिल गया है. इसके साथ ही यह तय हो गया कि 14 साल बाद लेबर पार्टी सत्ता में लौट रही है और कीम स्टार्मर प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. लेबर पार्टी की इस आंधी की वजह भी कीर स्टार्मर ही हैं. कीर स्टार्मर के पीएम बनने में महज औपचारिकता शेष है. कीर स्टार्मर के शासन काल में भी ब्रिटेन संग भारत की खूब बनने की संभावना दिख रही है.

कीर स्टार्मर के प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी को उन्हीं की सोच जैसा एक और दोस्त मिल जाएगा. उम्मीद की जा रही है कि कीर स्टार्मर के राज में भारत संग ब्रिटेन के रिश्ते और गहरे होंगे. इसकी वजह है कि पीएम मोदी की तरह ही कीर स्टार्मर भी सोच रखते हैं. ब्रिटेन आम चुनाव में लेबर पार्टी के उम्मीदवार कीर स्टार्मर का नारा रहा है- कंट्री फर्स्ट, पार्टी सेकेंड. पूरे चुनावी अभियान में लेबर पार्टी और कीर स्टार्मर का इस पर फोकस रहा. वोटरों के बीच उनका यह नारा ‘कंट्री फर्स्ट, पार्टी सेकेंड’ काम कर गया. यही वजह है कि वोटरों ने कीम स्टार्मर की झोली भर दी और आज वह प्रधानमंत्री बनने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

मोदी के सिद्धांत से प्रेरित हैं कीर स्टार्मर?
कीर स्टार्मर की यह सोच- कंट्री फर्स्ट, पार्टी सेकेंड, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन से मिलती-जुलती है. पीएम नरेंद्र मोदी के लिए भी नेशन फर्स्ट है. प्रधानमंत्री मोदी अनेक मौकों पर यह दोहरा चुके हैं कि वह ‘नेशन फर्स्ट और पार्टी सेकेंड’ सिद्धांत का पालन करते हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अब तक के कार्यकाल में में इस विजन को सकार किया है. ‘नेशन फर्स्ट-पार्टी सेकेंड’ सिद्धांत 2014 से ही पीएम मोदी के काम का हिस्सा रहा है. केवल चुनावी अभियान ही नहीं, जब वह सत्ता में आए तो उन्होंने नेशन फर्स्ट सिद्धांत को ही तरजीह दी. पीएम मोदी का कहना है कि देश का विकास सिर्फ और सिर्फ नेशन फर्स्ट सिद्धांत से ही होगा. नेशन फर्स्ट सिद्धांत को लेकर वह कांग्रेस को कई बार कोस भी चुके हैं कि उसके लिए केवल परिवार फर्स्ट है, जबकि भाजपा के लिए नेशन फर्स्ट.

मोदी और कीम स्टार्मर में क्या समनता
कीर स्टार्मर का कंट्री फर्स्ट, पार्टी सेकेंड सिद्धांत भी मोदी के नेशन फर्स्ट सिद्धांत का अंग्रेजी वर्जन लगता है. इतना ही नहीं, कीम स्टार्मर फलस्तीन मामले पर भी मोदी की तरह ही सोच रखते हैं. लेबर पार्टी फलिस्तीनी देश को मान्यता देने की वकालत करते आई है. भारत का भी इस मामले में ऐसा ही स्टैंड रहा है और मोदी इस बात को दोहरा भी चुके हैं. स्टार्मर ने यह भी कहा था कि अगर वह ब्रिटेन की सत्ता में आते हैं तो उनके लिए देश पहले होगा. वह ब्रिटेन की बेपटरी हो रही अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का वादा कर चुके हैं. अब सवाल है कि कीर स्टार्मर के पीएम बनने और लेबर पार्टी के सरकार में आने के बाद भारत संग ब्रिटेन के रिश्ते कैसे होंगे? जानकारों का कहना है कि ब्रिटेन में लेबर पार्टी के आने से भारत के रिश्ते में किसी तरह की खटास नहीं आने की संभावना है. अव्वल तो यह कहा जा रहा है कि रिश्ते और मजबूत होंगे.

स्टार्मर का भारत को लेकर क्या स्टैंड?
खुद लेबर पार्टी कीर स्टार्मर ने कह रखा है कि लेबर सरकार भारत के साथ लोकतंत्र के हमारे साझा मूल्यों पर आधारित संबंध स्थापित करेगी. लेबर सरकार भारत के साथ एक नई रणनीतिक साझेदारी की तलाश करेगी. इसमें एक मुक्त व्यापार समझौता यानी फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भी शामिल है. उन्होंने कहा था कि हम दोनों देशों के बीच वैश्विक सुरक्षा, जलवायु सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा के लिए एक नई रणनीतिक साझेदारी भी चाहते हैं. दुनिया में भारत की मौजूदा स्थिति पर विचार करते हुए खुद कीर स्टारमर ने पिछले महीने कहा था कि यह भारत की सदी बनने का एक अवसर है. यहां गौर करने वाली बात है कि भारत और ब्रिटेन के बीच पिछले दो सालों से प्रस्तावित एफटीए यानी मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है. सुनक की सरकार में इस पर मुहर लगने की उम्मीद थी, मगर ऐसा हो नहीं पाया. अब उम्मीद की जा रही है कि कीर स्टार्मर की सरकार इस पर फैसला लेगी.

Tags: PM Modi, Rishi Sunak, UK News



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