मोहम्मद यूनुस… देख लें आपके मुल्क में हिंदुओं के साथ क्या हो रहा है? बांग्लादेश पर जिहादियों का कब्जा
ढाका. बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों खासतौर पर हिंदुओं के खिलाफ हमले थमने का ना नहीं ले रहे. पिछले 48 घंटों में मैमनसिंह, दिनाजपुर और नाटोर जिलों में कम से कम चार मंदिरों पर हमला किया गया है. आठ मूर्तियां तोड़ दी गईं. इतना ही नहीं, नाटोर में एक श्मशान में डकैती हुई और पुजारी तरुण चंद्र दास की भी हत्या कर दी गई. मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में बनी अंतरिम सरकार में हिंदू मंदिरों और हिंदू समुदायों पर लगातार जुल्म ढाए जा रहे हैं. हालांकि, स्थानीय प्रशासन ने इन सब खबरों को गलत बताया है, लेकिन सोशल मीडिया पर आ रहे वीडियो कुछ और ही कहानी बयां करते हैं. बांग्लादेश की निर्वासित लेखिका तसलीमा नसरीन ने भी मोहम्मद यूनुस पर हमला बोला और कहा कि यह देश कभी हिंदुओं का था, लेकिन इस पर बर्बर जिहादियों ने कब्ज़ा कर लिया है.
‘बांग्लादेश में आए दिन हिंदुओं का हो रहा कत्लेआम’
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर अयोध्या के हनुमान गढ़ी मंदिर के पुजारी महंत राजू दास ने भी चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बांग्लादेश में आए दिन हिंदुओं का कत्लेआम किया जा रहा है और सनातन मंदिर तोड़े जा रहे हैं.” उन्होंने अपने वीडियो संदेश में कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं के घर जलाए जा रहे हैं, हिंदू मां-बहन और बेटियों की इज्जत लूटी जा रही है. मकान, दुकान जलाए जा रहे है. वहां जो भी हिंदुत्व की बात करता है, उसके ऊपर हमला होता है, उसको मारा जाता है. अगर हिंदुओं के पक्ष में कोई वकील खड़ा होता है तो उसकी पिटाई की जाती है.
वहीं अयोध्या स्थित राम मंदिर के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास ने कहा कि बांग्लादेश में जब से सत्ता परिवर्तन हुआ है तब से हिंदुओं को परेशान किया जा रहा है. यह दुखद है कि बांग्लादेश में जब से सत्ता परिवर्तन हुआ है, तब से वहां कट्टरपंथी बस गए हैं. वह अपना ध्येय बनाए हैं यहां किसी न किसी प्रकार से हिन्दुओं को हटा दिया जाए. इसी कारण वे लोग हिन्दुओं की संपत्ति लूट रहे हैं, उनके मंदिर तोड़ रहे हैं.
ज्ञात हो कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार की घटनाएं सामने आ रही हैं. मंदिरों पर हमले, जमीन पर कब्जे और सामाजिक उत्पीड़न के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. इसे लेकर राष्ट्रीय सेवक संघ (आरएसएस) के साथ अन्य सामाजिक संगठन के लोग भी इस अत्याचार के खिलाफ लामबंद हैं और सरकार से हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं.
Tags: Bangladesh
FIRST PUBLISHED : December 21, 2024, 18:07 IST