मौसम पैटर्न में बदलाव से हिमालयी क्षेत्र की जड़ी-बूटियों के अस्तित्व पर संकट, वैज्ञानिकों ने जताई चिंता


पौड़ी गढ़वाल: इस साल मौसम के पैटर्न में बदलाव के कारण उच्च हिमालयी क्षेत्रों में अत्यधिक और अनियमित वर्षा हुई है, जिसका जनजीवन, कृषि और हिमालयी क्षेत्र में मिलने वाली बेशकीमती जड़ी-बूटियों पर गंभीर असर पड़ा है. मौसम में आए इन बदलावों के चलते बारिश का समय भी बदल गया है. पहले के मुकाबले बारिश अपने निर्धारित समय पर नहीं हो रही, जिससे फसलों और हिमालयी क्षेत्र में पाई जाने वाली बेशकीमती जड़ी-बूटियों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है.

गढ़वाल विश्वविद्यालय के हैप्रेक के वैज्ञानिक डॉ. विजयकांत पुरोहित ने लोकल 18 को बताया कि 2500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में प्राकृतिक रूप से जड़ी-बूटियों का उत्पादन होता है.

अनियमित बारिश से पौधों में फूल बनने की प्रक्रिया हो रही बाधित 

डॉ. विजयकांत पुरोहित बताते हैं कि इस बार उच्च हिमालयी क्षेत्रों में अनियमित और अत्यधिक बारिश हुई है. यह बारिश ठीक उस समय हुई जब जड़ी-बूटी और औषधीय पौधों में फूल खिलते हैं, जिसके कारण फूल बनने की प्रक्रिया बाधित हो गई. आमतौर पर फूल बनने के बाद बीज बनने की प्रक्रिया होती है, जो अक्टूबर से नवंबर के बीच होती है.

बारिश से जड़ी- बूटियों के पौधों के पुनरुत्पादन पर पड़ रहा असर

इस बार अत्यधिक बारिश और मौसम में बदलाव के कारण फूल नहीं बन पाए हैं, और जो फूल बने भी हैं, उनमें तापमान के उतार-चढ़ाव के कारण बीजों का अंकुरण कम हो रहा है. अगर मौसम इसी प्रकार बना रहा, तो इसका प्रभाव उनके प्राकृतिक पुनरुत्पादन पर पड़ेगा और जो पौधे प्राकृतिक रूप से उगते हैं, उनकी संख्या भी घट सकती है. धीरे-धीरे अगर इन पौधों की संख्या कम होती गई, तो ये औषधीय पौधे विलुप्त होने की कगार पर आ सकते हैं.

जड़ी- बूटियों की खेती को ऐसे बचाएं

उच्च हिमालयी क्षेत्र में जहाँ किसान जड़ी-बूटियों की खेती करते हैं, उन्हें बचाने के लिए शेड, पॉलीहाउस, और एंटी-हेलिंग नेट का प्रयोग किया जा सकता है. इससे पौधों को बचाया जा सकता है, और इस उपाय से पौधों का पुनरुत्पादन किया जा सकता है. हालांकि, जो जड़ी-बूटियाँ प्राकृतिक रूप से उगती हैं, उनके लिए यह स्थिति काफी चुनौतीपूर्ण है. उच्च हिमालयी क्षेत्र में शोध कर रहे शोधार्थियों को इस बार जड़ी-बूटी के पौधों में फूल नहीं मिले हैं, और इसका मुख्य कारण अनियमित और अत्यधिक बारिश है.

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