म्युचुअल फंड में रिस्क मैनेज करने का फंडा सीखें, क्या है रिस्कोमीटर और रिस्को प्रोफाइलर


नई दिल्ली. म्युचुअल फंड निवेश का एक बेहद लोकप्रिय माध्यम है. यह निवेशकों को अपने विविधता भरे पोर्टफ़ोलियो को मैनेज करने का मौका देता है. हालांकि, किसी भी दूसरे निवेश विकल्प की तरह म्युचुअल फंड में बाजार से जुड़े जोखिम शामिल हैं. हर निवेशक को इससे जुड़े जोखिम समझने चाहिए. क्या इसका यह मतलब समझना नहीं चाहिए कि इसमें जोखिम शामिल हैं, तो म्युचुअल फंड से दूर रहना चाहिए? नहीं, बिल्कुल भी नहीं!

म्युचुअल फंड से जुड़े जोखिमों को मैनेज करने के लिए बाज़ार में होने वाले उतार-चढ़ाव और बदलावों की जानकारी रखना ज़रूरी है. साथ ही, उन योजनाओं में निवेश करना चाहिए, जो निवेशकों की जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार हों. म्युचुअल फंड में जोखिम को मैनेज करना इसलिए भी ज़रूरी है, क्योंकि निवेशक अपनी जोखिम उठाने की क्षमता और आर्थिक लक्ष्यों के साथ संतुलन बनाकर चल सकेंगे. म्युचुअल फंड में जोखिमों को समझने और उन्हें प्रबंधित करने के लिए दो ज़रूरी टूल हैं: रिस्कोमीटर और रिस्क प्रोफाइलर. इस लेख में निवेशक के निवेश को अपनी जोखिम प्रोफ़ाइल के साथ मिलाकर चलने के लिए इन टूल को बेहतर तरीके से इस्तेमाल करने के बारे में बताया गया है.

रिस्कोमीटर
रिस्क-ओ-मीटर निवेश में जोखिम मापने के लिए SEBI की ओर से जारी किया गया मानक टूल है. म्युचुअल फंड निवेश योजनाओं में संभावित रिस्क का आकलन करने के लिए यह टूल बनाया गया है. रिस्कोमीटर निवेशकों को ग्राफ़ के ज़रिए किसी म्युचुअल फंड के साथ जुड़े जोखिम को बताने का काम करता है. यह निवेश किए गए मूलधन के लिए जोखिम का स्तर कितना है, इसे विजुअल के ज़रिए कम से ज़्यादा की ओर दिखाने का काम करता है. रिस्क-ओ-मीटर में जोखिम का स्तर बताया जाता है:
1. कम – ‘कम जोखिम’ के तहत आने वाले फंड में, निवेशक अपने मूलधन के साथ कम से कम जोखिम होने की उम्मीद कर सकते हैं. ऐसे निवेशक जो जोखिम का स्तर बहुत कम रखना चाहते हैं, उनके लिए ये फंड सही विकल्प हैं.
2. अपेक्षाकृत कम – ‘कम से मध्यम स्तर के जोखिम’ वाली श्रेणी में एक फंड आते हैं, जहां निवेशकों का मूलधन न्यूनतम बाज़ार जोखिम के अंतर्गत आता है. पारंपरिक निवेश के तरीके में यकीन करने वाले लोगों के लिए यह सही विकल्प है.
3. मध्यम – ‘मध्यम जोखिम’ फंड ऐसे निवेशकों के लिए हैं, जो कुछ हद तक ही पारंपरिक निवेश तरीके में यकीन रखते हैं. ये पैसे कमाने के लिए निवेश किए रकम पर सीमित स्तर पर जोखिम उठाना चाहते हैं.
4. सीमित क्षमता में उच्च स्तर पर जोखिम – इस श्रेणी में ऐसी योजनाएं आती हैं, जो बाज़ार की शक्तियों के मुताबिक निवेश की रकम पर जोखिम उठाना चाहते हों. ये ऐसे निवेशकों के लिए शानदार विकल्प हैं, जो हाई रिटर्न के लिए लंबे समय के लिए निवेश (लॉन्ग टर्म इनवेस्टमेंट) 3+ सालों तक के लिए निवेश में दिलचस्पी रखते हों.
5. उच्च – ‘हाई रिस्क’ योजनाएं बहुत अधिक जोखिम उठाने के लिए तैयार रहने वाले निवेशकों के लिए है, ऐसे निवेशक जो लंबे समय के लिए ( >5 साल) निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए यह उपयुक्त योजना है. इन योजनाओं में निवेश करने पर जोखिम की संभावना बहुत ज़्यादा होती है और ये बाज़ार के उतार-चढ़ाव से गहराई से प्रभावित होते हैं.
6. बहुत ज़्यादा – ये योजनाएं खास तौर पर दूसरे फंड की तुलना में बहुत ज़्यादा अस्थिर शेयरों वाली हाई रिस्क (उच्च जोखिम) वाली इक्विटी में निवेश करती हैं. यह बहुत आक्रामक निवेशकों के लिए उपयुक्त है. यहां निवेश किए गए मूलधन को लंबे समय के लिए निवेश के बदले पैसे बनाने के उद्देश्य से लगाया जाता है. म्युचुअल फंड श्रेणी में ये सबसे अधिक जोखिम के अधीन किया जाता है. फंड की इस श्रेणी में क्षेत्रीय/थीम आधारित/अंतर्राष्ट्रीय/मिडकैप/छोटे फंड शामिल हैं.

रिस्क प्रोफाइलर
रिस्क प्रोफाइलर एक ऐसा टूल है, जो किसी निवेशक की ज़रूरतों, जोखिम उठाने की क्षमता और जोखिम लेने की इच्छा को देखते हुए निवेशक की रिस्क क्षमचा का सटीक आकलन करता है. ये टूल है, जो निवेशकों के निवेश उद्देश्य, समय-सीमा और वित्तीय स्थिति जैसे तथ्यों को ध्यान में रखकर उनकी जोखिम सहने की क्षमता का सटीक अनुमान लगाने में मदद करता है. रिस्क प्रोफाइलर में दिए सवालों के जवाब देकर, निवेशक अपनी क्षमता समझ सकते हैं. इसमें पारंपरिक से लेकर आक्रामक निवेशक तक के सामने स्थिति स्पष्ट होती है. यह स्व-मूल्यांकन निवेशकों की सुविधा और आर्थिक लक्ष्यों के मुताबिक सही जानकारी देता है और उन्हें अपडेट भी रखता है.
अपने लिए सही फंड चुनना: रिस्क प्रोफ़ाइल मैच करते हुए
अब निवेशकों के पास म्यूचुअल फंड की रिस्क-ओ-मीटर रेटिंग के ज़रिए निवेश का मूल्यांकन है. साथ ही, रिस्क प्रोफ़ाइलर पर उन्होंने अपनी जोखिम उठाने की क्षमता का भी सटीक आकलन कर लिया है. इसके बाद बारी आती है, इन दोनों को एक दिशा में मिलाकर आगे चलने की.
यहां बताया गया है कि निवेशक अपनी जोखिम उठाने की क्षमता को देखते हुए, अपने पोर्टफ़ोलियो के लिए सही फंड कैसे चुन सकते हैं:

● जोखिम प्रोफ़ाइल करें मैच: निवेशकों को रिस्क-ओ-मीटर के ज़रिए, ऐसे म्युचुअल फंड का चयन करना चाहिए जो उनकी जोखिम उठाने की क्षमता के साथ मेल खाते हों. जैसे कि पारंपरिक निवेशक कम जोखिम वाले फंड चुन सकते हैं, जबकि आक्रामक निवेशक हाई रिस्क वाले फंड ले सकते हैं. यहां यह भी याद रखें कि रिस्को-ओ-मीटर हर महीने अपडेट किया जाता है.
● विविधता: परिसंपत्ति वर्ग और फंड की अलग-अलग श्रेणी में विविधता लाकर जोखिम को काफ़ी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है. रिस्क प्रोफ़ाइल के ज़रिए, निवेशक जोखिम को न्यूनतम कर सकते हैं और रिटर्न को ज़्यादा से ज़्यादा करने के लिए इक्विटी, डेट और हाइब्रिड फंड में निवेश करके अपना पोर्टफ़ोलियो प्रबंधित कर सकते हैं.

● समीक्षा और बार-बार बैलेंस करना: पोर्टफ़ोलियो को नियमित रूप से बैलेंस करते रहना चाहिए. इससे जोखिम की संभावना को काफ़ी हद तक कम किया जा सकता है. जोखिम को नियंत्रित करने के साथ ही बाज़ार के उतार-चढ़ाव के मुताबिक बेहतर रिटर्न भी पा सकते हैं.
हमेशा याद रखें, निवेश के साथ जोखिम जुड़ा हुआ है. सही फ़ैसले लेना और अपने निवेश को अलग-अलग क्षेत्रों में बांटकर जोखिम की तीव्रता को कम किया जा सकता है. यह आपके लिए लंबे समय में आर्थिक सफलता के लिए अहम साबित हो सकता है.
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यह Axis Mutual Fund की ओर से निवेशकों को जागरूक बनाने के लिए की गई पहल है. निवेशकों के लिए एक बार KYC पूरा करना ज़रूरी है.

ज़्यादा जानकारी के लिए www.axismf.com पर जाएं या फिर customerservice@axismf.com पर हमसे संपर्क कर सकते हैं. निवेशकों को सिर्फ रजिस्टर किए गए म्यूचुअल फंड (MFs) में ही निवेश करना चाहिए. रजिस्टर फंड की सभी डिटेल www.sebi.gov.in पर मौजूद होती हैं – बिचौलिए/ मार्केट इन्फ्रास्ट्रक्चर इंस्टिट्यूशन सेक्शन.

किसी भी तरह की समस्या के समाधान के लिए, निवेशक 1800 221 322 पर कॉल कर सकते हैं या फिर customerservice@axismf.com पर संपर्क कर सकते हैं. इसके अलावा, निवेशक चाहें, तो SEBI के स्कोर पोर्टल पर http://scores.gov.in शिकायत दर्ज करा सकते हैं.
रिस्क प्रोफ़ाइलर आपके इनपुट के आधार पर आपके रिस्क प्रोफ़ाइल को नियंत्रित करने में मदद करने वाला एक टूल है. निवेशक अपने निवेश का फ़ैसला लेने के लिए खुद ज़िम्मेदार हैं. अपने वित्तीय सलाहकारों से सुझाव लेकर ही निवेश करें.

वैधानिक चेतावनी: Axis Mutual Fund की स्थापना, भारतीय ट्रस्ट अधिनियम, 1882 के तहत हुई है. यह Axis Bank Ltd. की ओर से प्रायोजित है (उत्तरदायित्व अधीन है रुपये 1 लाख). ट्रस्टी: Axis Mutual Fund Trustee Ltd. इनवेस्टमेंट मैनेजर: Axis Asset Management Co. Ltd. (the AMC). रिस्क फ़ैक्टर: Axis Bank Limited किसी निवेश या योजना पर होने वाले किसी भी तरह के नुकसान या हानि के लिए जिम्मेदार नहीं है.

म्यूचुअल फंड निवेश जोखिम के अधीन है, किसी भी योजना में निवेश से पहले दस्तावेज़ सावधानी से पढ़ें.

Tags: Business news in hindi, Investment tips, Mutual fund



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