यमराज से पहले पहुंची SDRF, एक सीटी ने बचाई जान, 3 दिन से लापता था, ब्रिटिश नागरिक, गुफा में ली थी शरण


धर्मशाला. इससे पहले की यमराज ब्रिटिश नागरिक तक पहुंचे, उससे पहले ही हिमाचल पुलिस का बचाव दल उस तक पहुंच गया. उसे रेस्क्यू टीम ने निकाला और फिर अस्पताल पहुंचाया. मामला हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के धर्मशाला का है. यहां पर राज्य आपदा प्रबंधन की टीम ने एक विदेशी नागरिक को ग्लेशियर से रेस्क्यू किया. तीन दिन से यह युवक लापता था.

जानकारी के अनुसार, एसपीडआरएफ (SDRF) कांगड़ा की टीम ने धर्मशाला के त्रियुंड के पास लाका ग्लेशियर से पेटेंगेल नामक 37 वर्षीय ब्रिटिश व्यक्ति को बचाया. दरअसल, अपर धर्मकोट के गेस्ट हाउस के होटल मालिक ने अधिकारियों को सूचित किया कि बिट्रिश युवक 4 अप्रैल को ट्रैकिंग पर गया था, लेकिन वापस नहीं लौटा. होटल मालिक ने तुरंत स्थानीय पुलिस स्टेशन को सूचित किया, और बाद में, DDMA कार्यालय कांगड़ा ने लापता व्यक्ति की तलाशी शुरू करने के लिए 5 अप्रैल को दोपहर 1:30 बजे SDRF कांगड़ा को सूचित किया.

SDRF कांगड़ा ने खोज अभियान के लिए 16 कर्मियों की एक टीम बनाई और फिर यह टीम को दो समूहों में विभाजित होकर युवक की तलाश में निकली. एक टीम गलू मंदिर से त्रिउंड) की ओर बढ़ी, और दूसरा टीम गुना माता मंदिर (टीम 2) की ओर निकली. टीम-वन ने रात होने के बाद भी गहन खोज करते हुए त्रिउंड की ओर ट्रैकिंग की. वे रात भर त्रिउंड में इबैक्स रेस्ट हाउस में रुके, जबकि टीम 2 ने गुना माता मंदिर के आसपास के इलाकों की खोज की और पास के एक स्थानीय रेस्ट हाउस में रुके.

6 अप्रैल को, टीम 1 ने सुबह 7:00 बजे त्रिउंड से स्नोलाइन की ओर अपनी खोज फिर से शुरू किया और करेरी ट्रेक की ओर जाने वाली बर्फ में पैरों के निशान पाए. उन्होंने इस पगडंडी का अनुसरण करने का फैसला किया, जबकि टीम 2 ने गुना माता मंदिर ट्रेक के आसपास अपनी खोज जारी रखी.

लगभग 2:30 बजे, टीम 1 ने कठोर ट्रेकिंग और खोज के बाद, एक गुफा से आती हुई हल्की आवाज़ सुनी. उन्होंने जल्दी से आवाज़ का पीछा किया और युवक को कैमल पीक और लाका ग्लेशियर के बीच एक गुफा के अंदर पाया. हालाँकि वह सुरक्षित था, लेकिन वह काफी थका हुआ था. युवक से टीम ने बात की और उन्हें पता चला कि वह करेरी झील तक ट्रेक करने का इरादा रखता था, लेकिन प्रतिकूल मौसम की स्थिति और थकावट के कारण उसने गुफा में शरण ली थी.

Shimla, Himachal News

दरअसल, अपर धर्मकोट के गेस्ट हाउस के होटल मालिक ने अधिकारियों को सूचित किया कि बिट्रिश युवक 4 अप्रैल को ट्रैकिंग पर गया था

युवक को प्रोत्साहित करते हुए, टीम 1 ने उसे क्षेत्र से बाहर निकालना शुरू कर दिया. लगभग 3:00 बजे, उन्होंने अनुमान लगाया कि वे रात 8:30 बजे तक गुना माता मंदिर के पास पहुँच जाएँगे, जहाँ टीम 2 उसका इंतज़ार कर रही थी. उन्होंने सेटेलाइट फोन के माध्यम से टीम 2 को यह जानकारी दी.हालांकि, ट्रेक चुनौतीपूर्ण था और उबड़-खाबड़ रास्ता और घनी जंगल की चुनौती सामने थी. इसके अलावा, युवक की धीमी गति, बारिश और बर्फबारी से भी मुश्किलें बढ़ गई थी.

बीच में रेस्क्यू टीम भी भूली रास्ता

रात 8:30 बजे तक, टीम 1 को एहसास हुआ कि वे अपना रास्ता भूल गए हैं. स्थानीय गाइडों की मौजूदगी के बावजूद, उन्हें अंधेरे और जंगली जानवरों के मंडराते खतरे के बीच अपना रास्ता खोजने में संघर्ष करना पड़ा. बाद में टीम 1 ने सहायता के लिए टीम 2 से संपर्क किया और फिर टीम 2 ने गुना माता मंदिर से ट्रेकिंग शुरू की और रात 11:30 बजे के आसपास टीम 1 से मिले.  साथ मिलकर, उन्होंने अपना रास्ता निकाला और आखिरकार 7 अप्रैल, 2024 को सुबह 4:00 बजे गुना माता मंदिर पहुँच गए. पीड़ित को तुरंत चिकित्सा देखभाल में स्थानांतरित कर दिया गया और उसकी पत्नी से फिर से मिला दिया गया. ब्रिटिश नागरिक ने धर्मशाला पुलिस की तारीफ की और रेस्क्यू करने के लिए आभार जताया.



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