यहां इंसानों की तरह पशुओं की भी कराई जा रही गणना, जानें इसके फायदे


Agency:News18 Uttarakhand

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Livestock Census Almora : यहां हर साल साल में पशुओं की गणना की जाती है. इस बार ये 21वीं पशु गणना है जो फरवरी के आखिरी हफ्ता तक चलेगी. इसमें गाय, बैल, भैंस, बकरी, घोड़े, खच्चर, मुर्गी, बिल्ली और कुत्ते गिने जाएं…और पढ़ें

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पशुओं

पशुओं की जनगणना करते पशुपालन विभाग के कर्मचारी.

अल्मोड़ा. इंसानों की जनगणना के बारे में आप भी जानते होंगे लेकिन क्या कभी पशुओं की गणना के बारे में सुना है. जी हां, इंसानों की तरह पशुओं की गणना भी हर पांच साल में की जाती है. इन दिनों पूरे उत्तराखंड में पशु गणना चल रही है. इस बार ये 21वीं पशु गणना है. इस गणना में पालतू पशुओं और निराश्रित पशुओं को भी गिनती की जाएगी. इस गणना में गाय, बैल, भैंस, बकरी, घोड़े, खच्चर, मुर्गी, बिल्ली, कुत्ते की गणना की जाएगी. निराश्रित पशुओं में गाय, बैल और आवारा कुत्तों को भी गिना जाएगा.

योजनाओं का आधार

अल्मोड़ा के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश अग्रवाल के अनुसार, 2019 में 20वीं पशु गणना की गई थी. नवंबर 2024 से 21वीं इस गणना शुरू की गई है. फरवरी 2025 तक ये गणना पूरी हो जाएगी. इसका मुख्य उद्देश्य है ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के पशुओं की जानकारी. इस पशु गणना से योजनाएं भी बनाई जाती हैं. पशुओं को टीकाकरण, प्रदेश की योजनाएं, राज्य की योजनाएं और जिला प्लान की योजनाएं इसी आधार पर बनाई जाती हैं. ये भी पता चलता है कि किस क्षेत्र में कौन से जानवर बढ़े हैं और कौन से जानवर घटे रहे हैं.

पशुधन ऐप

अल्मोड़ा जनपद में 15 सुपरवाइजर और 66 पशु कर्मचारी इस पशु गणना में लगे हुए हैं. इसमें पशुपालन विभाग के कर्मचारी प्रत्येक घर जाकर पशुओं की गणना कर रहे हैं. पशुपालकों को भी जागरूक होने की जरूरत है. पशु चिकित्साधिकारी के अनुसार, पशुपालकों से निवेदन है कि अगर किसी कारण से उनके पशुओं की गणना रह जाती है तो वे अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय में जाकर इसकी सूचना दें. पशुपालन विभाग की टीम आकर उसे पशुओं की गणना करेगी. अब हर पशु को टैग किया जाता है जो पूरा डाटा ‘भारत पशुधन ऐप’ में रहता है.

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