यहां रखी गईं कत्यूरी काल की कलाकृतियां, प्राचीन कलाओं से रूबरू होने का मिलेगा अवसर


नैनीताल /तनुज पाण्डे: उत्तराखंड का इतिहास बेहद समृद्ध रहा है. यहां कई वंशों ने शासन किया है. लेकिन, उत्तराखंड में कत्यूरी वंश के शासनकाल को यहां का स्वर्णिम काल कहा जाता है. कत्यूरी शासनकाल के दौरान उत्तराखंड में कई शैव मंदिरों का निर्माण किया गया, जिनके प्रमाण आज भी मौजूद हैं. वहीं, कत्यूरी शासन के साक्ष्य आज भी उत्तराखंड में मिलते हैं. उत्तराखंड के अल्मोड़ा में बीते दिनों शोधकर्ताओं को कत्यूरी कालीन कलाकृतियां मिली हैं. नैनीताल स्थित कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर स्थित इतिहास विभाग के शोधकर्ताओं द्वारा इन कलाकृतियों के प्राचीन होने की पुष्टि की गई है.

उत्तराखंड के नैनीताल स्थित डीएसबी कॉलेज के हिमालय संग्रहालय के शोधकर्ताओं द्वारा इन कलाकृतियों को खोजा गया है. अब इन्हें कॉलेज कैंपस में स्थित हिमालय संग्रहालय में रखा गया है. ये उत्तराखंड का स्वर्णिम इतिहास समेटे है.

कई और कलाकृतियां लाने की है योजना
इतिहास विभाग की प्रोफेसर डॉ. सावित्री कैड़ा जंतवाल ने लोकल 18 से बातचीत के दौरान बताया कि उन्होंने दाड़ीम खोला अल्मोड़ा से इन कलाकृतियों को प्राप्त किया है. प्राप्त कलाकृतियां बहुत पुरानी है. उनके विभाग के शोधकर्ताओं द्वारा कत्यूरी कालीन कलाकृतियों को संरक्षित करने का काम किया जा रहा है. इसके अलावा उन्हें कई अन्य कलाकृतियां भी मिली हैं, जिन्हें जल्द नैनीताल लाने की योजना है. प्रो. सावित्री कैड़ा जंतवाल बताती हैं कि कत्यूरी काल में कोसी नदी के किनारे कई शिव मंदिर बनाए गए थे. जहां पुरानी कलाकृतियों को रखा गया होगा. अगर इस क्षेत्र में कवायद की गई, तो कई कलाकृतियों को खोजा जा सकता है. यहां कई प्राचीन एवं दुर्लभ कत्यूरी कालीन वस्तुएं मिल सकती हैं.

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