यूपी में यहां मुस्लिम परिवार बनाते हैं माता की चुनरी, नवरात्रि में खूब होती है डिमांड, कई राज्यों तक होती है सप्लाई


रामपुर: नवाबी इतिहास की झलक दिखाने वाले रामपुर में धार्मिक एकता की अद्भुत मिसाल देखने को मिलती है. यह शहर विभिन्न संस्कृतियों और धार्मिक मान्यताओं का संगम है, जहां मुस्लिम परिवार माता रानी की चुनरी बनाकर सद्भाव की एक अनूठी परंपरा निभाते हैं. यह चुनरियां उनके लिए सिर्फ रोजगार का जरिया नहीं हैं. बल्कि इससे उनकी आस्था भी दिखती हैं.

रामपुर की खास चुनरियां
रामपुर में बनी चुनरियों की डिमांड पूरे देश में है. उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड और जम्मू तक के बड़े मंदिरों में यहां की चुनरियां पहुंचती हैं. विशेष रूप से वैष्णो देवी, अमृतसर, लुधियाना, फगवाड़ा, अंबाला, सहारनपुर, लखनऊ, इलाहाबाद, कानपुर और मेरठ जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों पर इन चुनरियों की खास मांग रहती है.

हर साल नवरात्रि और अन्य त्योहारों के समय, रामपुर से बड़ी संख्या में चुनरियां गिर्जिया देवी, हरिद्वार के चंडी देवी और मंसा देवी और जम्मू के वैष्णो देवी मंदिर के लिए भेजी जाती हैं. यह परंपरा न केवल रोजगार का एक स्रोत है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक मेलजोल का एक बेहतरीन उदाहरण भी है.

भाईचारे का दे रहे हैं संदेश
चुनरी बनाने की यह परंपरा कारीगरी और कला का प्रतीक होने के साथ-साथ समुदायों के बीच भाईचारे और सद्भाव का संदेश भी देती है. रामपुर के मुस्लिम परिवार, माता रानी की चुनरी बनाकर श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. उनकी मेहनत और कला को लोग सराहते हैं, जिससे यह काम न केवल आर्थिक दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक एकता का भी प्रतीक बनता है.

विदेशों में भी मशहूर
रामपुर की चुनरियां केवल देश के भीतर ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी प्रख्यात हैं. त्योहारों के मौसम में यहां की कारीगरी की मांग काफी बढ़ जाती है. मुस्लिम कारीगर पीढ़ी दर पीढ़ी इस कला को सीखते और आगे बढ़ते आ रहे हैं. इस काम से जुड़े मुस्लिम परिवार इसे एक विशेष धार्मिक कर्तव्य मानते हैं और पूरी श्रद्धा एवं निष्ठा से इसे निभाते हैं.

Tags: Local18, Rampur news



Source link

x