यूरिक एसिड और पेट की बीमारियों के लिए रामबाण है ये पहाड़ी दाल, शरीर को ऊर्जा देने के साथ ही बनाती है मजबूत
श्रीनगर गढ़वाल: यूं तो उत्तराखंड में कई ऐसी दालें और उत्पाद पाए जाते हैं, जो शायद ही कहीं और पाएं जाते होंगे. उन्हीं में से एक रयांश है, जो पहाड़ी दालों में अपना एक विशेष महत्व रखती है. इस दाल को नौरंगी भी कहा जाता है. क्योंकि यह कई रंगों में पाई जाती है. यह दाल खाने में बेहद स्वादिष्ट होती है. साथ ही इस दाल के कई औषधीय फायदे भी हैं, जो स्वास्थ्य के लिये बेहद फायदेमंद होते हैं. इस दाल में विटामिन A, B और C के अलावा प्रोटीन, फाइबर, आयरन भरपूर मात्रा में पाए जाते है.
रयांश दाल के पोषक तत्व
गढ़वाल विश्विद्यालय के उच्च शिखरिय पादप कार्यिकी शोध केंद्र के रिसर्चर डॉ. जयदेव चौहान ने लोकल 18 को बताया कि यह दाल कई रंगों में होती है इसलिये इसे नौरंगी कहते हैं. रयांश दाल में कई पौष्टिक तत्व होते है. जैसे विटामिन A, B और C, फाइबर, प्रोटीन, आयरन जो शरीर को ऊर्जा देने और पाचन को बेहतर बनाने में सहायक होते हैं. इसमें मौजूद खनिज खून की गुणवत्ता बढ़ाने और शरीर की मजबूती के लिए फायदेमंद होते हैं.
हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
रयांश दाल हृदय को स्वस्थ रखने में मददगार है. इसमें मौजूद अमीनो एसिड सूजन को कम करता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर घटाता है. जिससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है. साथ ही दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है. वहीं, यह दाल यूरिक एसिड को कम करने में भी मददगार साबित होती है.
एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर
इस दाल में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स से सुरक्षा प्रदान करते हैं. इसके नियमित सेवन से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी घट जाता है.
आंतों और पाचन के लिए फायदेमंद
रयांश दाल फाइबर का अच्छा स्रोत है, जो आंतों को स्वस्थ रखता है. यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है और मल त्याग को आसान करता है. जिन लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं होती हैं, उनके लिए यह दाल विशेष लाभकारी है.
मासिक धर्म की समस्याओं में राहत
मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्याओं को कम करने में नौरंगी दाल मददगार होती है. इसमें फोलेट भरपूर होता है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए भी फायदेमंद है. यह गर्भ में पल रहे बच्चे की सेहत में सुधार लाने और जन्मजात विकलांगताओं को रोकने में सहायक है.
कहां उगाई जाती है यह नौरंगी दाल
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों के अलावा नौरंगी दाल को हिमाचल प्रदेश, नेपाल और मणिपुर जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में भी उगाया जाता है. इसकी खेती पहाड़ के ठंडे और ऊंचे इलाकों में होती है. जहां की मिट्टी इसे पोषक तत्वों से भरपूर बनाए रखती है.
जानें कैसे बनाएं रयांश दाल..?
रयांश दाल को भी अन्य सामान्य दालों की तरह पका सकते हैं या अन्य दालों के साथ मिलाकर भी बनाया जा सकता है. यह हल्की और जल्दी पचने वाली दालों में से एक है. इसे नियमित आहार में शामिल कर आप अपनी सेहत को बेहतर बना सकते हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 26, 2024, 12:26 IST