ये आंकड़े देख चिढ़ जाएगा चीन, भारत ने मारी ऐसी छलांग, विदेशों से मिले ऐसे बड़े-बड़े ऑर्डर


नई दिल्ली. नए कॉन्ट्रेक्ट में मजबूत वृद्धि और अंतरराष्ट्रीय बिक्री में अभूतपूर्व विस्तार के बीच भारत के सेवा क्षेत्र की वृद्धि जून में तेजी से बढ़ी. मई में यह पांच महीने के निचले स्तर पर थी. एक मासिक सर्वेक्षण में यह जानकारी दी गई है. मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया भारत सेवा पीएमआई कारोबारी गतिविधि सूचकांक जून में बढ़कर 60.5 हो गया जो मई 60.2 था. यह बढ़ोतरी उत्पादन में तेज विस्तार की ओर इशारा करती है. खरीद प्रबंधक सूचकांक (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर अंक का मतलब गतिविधियों में विस्तार से और 50 से कम अंक का आशय संकुचन से होता है.

एचएसबीसी के मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) प्रांजुल भंडारी ने कहा, ‘‘ भारत के सेवा क्षेत्र की गतिविधियां जून में तेज हुईं. सूचकांक 0.3 पीपीटी (प्रतिशत बिंदु) बढ़कर 60.5 हो गया. इसकी मुख्य वजह घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए ठेकों में वृद्धि रही. इसने सेवा कंपनियों को अगस्त 2022 के बाद से सबसे तेज गति से अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया.’’

ये भी पढ़ें- अमूल के साथ बिजनेस करने का मौका, छोटी-सी दुकान और अच्छा कमीशन, जानिए कैसे करें आवेदन, कितनी आएगी लागत

विदेशों से मिले खूब कॉन्ट्रेक्ट

मजबूत मांग और नए कारोबार की बढ़ती आमद को वृद्धि के प्रमुख निर्धारकों के रूप में उद्धृत किया गया. जून में भारतीय सेवा प्रदाताओं को मिलने वाले नए ठेके में वृद्धि जारी रही, जिससे विस्तार का मौजूदा क्रम करीब तीन वर्षों तक बढ़ गया. इंटरनेशनल कॉन्ट्रेक्ट में भी रिकॉर्ड वृद्धि हुई. विदेशों में एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, लैटिन अमेरिका, पश्चिम एशिया और अमेरिका से नए अवसर मिलने का भी हवाला दिया गया. इस बीच, एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स जून में 60.9 रहा जो मई में 60.5 था.

भंडारी ने कहा, ‘‘ जून में समग्र पीएमआई में भी तेजी आई, जिसमें अधिक नए ठेकों का मिलना प्रमुख वजह रही. सेवा कंपनियों की तुलना में विनिर्माण कंपनियों ने विस्तार में अधिक योगदान दिया.’’ सर्वेक्षण में कहा गया कि निजी क्षेत्र में रोजगार में तीव्र वृद्धि हुई है. यह वृद्धि दिसंबर 2005 के बाद से सबसे तेज में से एक है. एचएसबीसी इंडिया भारत सेवा पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल ने करीब 400 कंपनियों के एक समूह में क्रय प्रबंधकों को भेजे गए सवालों के जवाबों के आधार पर तैयार किया है.

Tags: Business news, Finance ministry, Indian economy



Source link

x