ये चिड़िया अनहोनी का अलार्म! घर में बना ले घोंसला तो इन खतरों से बचे रहेंगे आप, जानें क्यों हो रही लुप्त
मंडी: हिमाचल प्रदेश देवभूमि है. यहां पहाड़, जंगल, हरियाली की कोई कमी नहीं. लेकिन, अब हिमाचल से भी गौरैया लुप्त हो रही हैं. खासकर मंडी शहर में कई सालों से गौरैया बेहद कम देखी गई हैं. जानकार इसके पीछे कारण अंधाधुंध विकास और मोबाइल नेटवर्क के बढ़ते रेडिएशन को मानते हैं. मंडी में बढ़ते रेडिएशन के कारण गौरैया अब गांव की ओर पलायन कर रही हैं. इस चिड़िया को मंडी शहर में 5G नेटवर्क आने से पहले देखा गया था, लेकिन अब मंडी शहर में इन्हें देख पाना बेहद कठिन हो चुका है.
इस बारे में मंडी के पर्यावरण प्रेमी नरेंद्र सैनी ने लोकल 18 को बताया कि जब वह खुद छोटे थे, तब से वो गौरैया को मंडी शहर में देखते आ रहे हैं. हर एक घर में इन चिड़ियों के लिए घोंसले भी होते थे, लेकिन आज के दौर में टेक्नोलॉजी और नेटवर्क इतने स्ट्रांग हो चुके हैं कि यह छोटी सी चिड़िया इसके रेडिएशन के कारण मरने लग रही हैं. वो अपने घोंसले का पता भूल जाती हैं. भटक जाती हैं. इसलिए ये चिड़िया मंडी शहर से पलायन कर रही हैं. पर्यावरण की दृष्टि से देखें तो इन चिड़ियों का पलायन करना दुखद है.
अनहोनी का अलार्म है गौरैया
नरेंद्र सैनी के मुताबिक, पुराने समय में लोग गौरैया का खास ख्याल रखते थे. हर घर में इनका घोंसला पाया जाता था. इसके पीछे का कारण ये है कि इस चिड़िया में गजब का सेंस होता है. वह किसी भी अनहोनी के पहले जोर-जोर से चहचहाने लगती है. जैसे भूकंप आना हो, घर में सांप घुसे या कोई जंगली जानवर दिख जाए तो गौरैया चिल्लाने लगती थी. इससे लोगों को खतरे का आभास हो जाता था और वे सतर्क हो जाते थे. कई बार लोग अनहोनी को टालने में कामयाब भी हो जाते थे.
जहां नेटवर्किंग कम वहां आज भी गौरैया
मंडी शहर से तो इस चिड़िया ने पलायन कर लिया है, लेकिन मंडी शहर से दूर बसे कई गांवों में गौरैया आज भी है. लेकिन, मंडी शहर की अगली आने वाली पीढ़ी इसे अपने घर में नहीं देख पाएगी. शायद यहां यह कहावत सच होती दिख रही है कि कुछ पाने के लिए कुछ खोना भी होता है.
FIRST PUBLISHED : November 13, 2024, 15:44 IST