ये महिला मिनटों में तैयार कर देती है कपड़ों से मैचिंग ज्वेलरी, अपने हाथों की कला ने बदल दी कई लड़कियों की जिंदगी
जमुई. महिलाओं के लिए फैशन कितना जरूरी है, यह किसी से छुपा नहीं है. महिलाएं अलग-अलग रंग के कपड़ों से मिलती-जुलती ज्वेलरी से लेकर सैंडल और मैचिंग सामान इस्तेमाल करती हैं. महिलाएं इस पर हजारों रुपए खर्च भी करती हैं. लेकिन जमुई जिले की ये लड़कियां अब अपने मैचिंग कपड़ों के हिसाब से ज्वेलरी पर पैसे खर्च नहीं करती, बल्कि यह खुद ही अपने हिसाब से ज्वेलरी बना लेती हैं. दरअसल, जमुई जिले के खैरा बाजार में महिलाओं और लड़कियों को आर्टिफिशियल ज्वेलरी बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. खैरा बाजार में काव्या ब्यूटी पार्लर की संचालक कोमल कुमारी लड़कियों को यह प्रशिक्षण देती हैं. इसके लिए उन्हें बहुत अधिक पैसे भी खर्च नहीं करने पड़ते और इन सभी लड़कियों को 3 महीने के लिए यह प्रशिक्षण दिया जाता है.
कोमल कुमारी के द्वारा इन लड़कियों को आर्टिफिशियल ज्वेलरी निर्माण का प्रशिक्षण दिया जाता है. इसके साथ ही उन्हें ब्यूटीशियन की ट्रेनिंग भी दी जाती है. लड़कियों को ब्यूटी टिप्स बताए जाते हैं और प्रोफेशनल ब्यूटी पार्लर चलाने के लिए जिस ट्रेनिंग की जरूरत होती है, कोमल वो ट्रेनिंग सभी लड़कियों को देती है. 3 महीने की ट्रेनिंग के लिए प्रत्येक लड़की को मात्र चार सौ रुपए का रजिस्ट्रेशन शुल्क लगता है. यह प्रशिक्षण शिविर जन शिक्षण संस्थान के जरिए कराया जा रहा है, जिसमें कोई भी लड़की इन दोनों चीजों की ट्रेनिंग ले सकती है. वर्तमान में दो दर्जन से अधिक लड़कियां कोमल से प्रशिक्षण लेने आ रही हैं और वह आर्टिफिशियल ज्वेलरी निर्माण के साथ-साथ ब्यूटीशियन बनने की तकनीक सीख रही हैं.
खुद के पैरों पर खड़ी हो सकती है लड़कियां
कोमल कुमारी ने बताया कि यह प्रोग्राम जन शिक्षण संस्थान के द्वारा चलाया जा रहा है. जिसके जरिए पहले मुझे ट्रेनिंग दी गई. फिर मैं बाकी लड़कियों को इस इन सब चीजों को लेकर प्रशिक्षित करती हूं. उन्होंने कहा कि यहां सीखने वाली लड़कियां बाहर निकाल कर खुद का ब्यूटी पार्लर और आर्टिफिशियल ज्वेलरी का काम कर पैसे कमा सकती हैं और अपने आपको आर्थिक रूप से सबल बना सकती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में जिले के विभिन्न क्षेत्र से दूर दराज के इलाके की लड़कियां उनके पास ट्रेनिंग लेने आते हैं. वहीं ट्रेनिंग ले रही युवती आशा कुमारी ने कहा कि इन सब ट्रेनिंग से महिलाओं को सफल बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि एक लड़की होकर घर से बाहर निकलना और समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने की जरूरत है और इन सब तरीके से लड़कियां एक नया हुनर सीख रही है.
FIRST PUBLISHED : December 23, 2024, 15:04 IST