ये 3 योगासन तोड़ेंगे खतरनाक बीमारियों की चेन, जड़ से खत्म करने के कर दें शुरू, नस-नस में दौड़ने लगेगा ब्लड
Agency:News18 Uttarakhand
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Rishikesh Yoga Trainer: ऋषिकेश के योगा ट्रेनर गोकुल बिष्ट ने कहा कि नियमित योग से शरीर के अंदर सेल्स की रिपेयरिंग तेज होती है, जिससे कई बीमारियों की जड़ खत्म हो सकती है. योग करने से न केवल माता-पिता स्वस्थ रहते…और पढ़ें
योग के इन आसनों से मिलेगी जेनेटिक बीमारियों से मुक्ति
हाइलाइट्स
- नियमित योग से जेनेटिक बीमारियों से बचाव संभव.
- योग का प्रभाव फिजिकल, मेंटल और जेनेटिक स्तर पर होता है.
- भुजंगासन, बालासन और वज्रासन से स्वास्थ्य लाभ.
ऋषिकेश: हमारे शरीर में कई बीमारियां माता-पिता से जेनेटिक रूप से मिलती हैं, जिन्हें हेरेडिटरी डिजीज कहा जाता है. ये बीमारियां एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक जाती हैं और कई बार इनका कोई इलाज नहीं होता. शरीर की बनावट को समझें तो यह सेल्स से मिलकर बना होता है, जिनमें 46 क्रोमोसोम होते हैं. यही क्रोमोसोम माता-पिता के गुणों को बच्चों में स्थानांतरित करते हैं, जिनमें रंग, रूप, आकार, आदतें और बीमारियां भी शामिल होती हैं. हालांकि योग के माध्यम से डीएनए में होने वाले नकारात्मक बदलावों को रोका जा सकता है.
लोकल 18 के साथ बातचीत के दौरान उत्तराखंड के ऋषिकेश में स्थित साधक योगशाला के योगा ट्रेनर गोकुल बिष्ट ने कहा कि नियमित योग से शरीर के अंदर सेल्स की रिपेयरिंग तेज होती है, जिससे कई बीमारियों की जड़ खत्म हो सकती है. योग करने से न केवल माता-पिता स्वस्थ रहते हैं, बल्कि उनकी अगली पीढ़ी भी कई जेनेटिक बीमारियों से बच सकती है.
उन्होंने बताया कि योग का प्रभाव हमारे शरीर पर फिजिकल, मेंटल और जेनेटिक स्तर पर पड़ता है. यह इम्यूनिटी को मजबूत करता है. हार्मोनल बैलेंस बनाए रखता है और स्ट्रेस को कम करता है. अगर माता-पिता नियमित योग करें, तो वे न केवल खुद को स्वस्थ रख सकते हैं. बल्कि अपने बच्चों को भी बेहतर स्वास्थ्य का उपहार दे सकते हैं.
1- भुजंगासन
इस अभ्यास को करने के लिए बिस्तर पर या फिर योग मैट पर अपने पेट के बल सीधा लेटकर अपने दोनों हाथों को अपने कंधे के सामने रखें. उसके बाद धीरे से अपने दोनों हाथों को कंधे के सामने लाते हुए पूरा शरीर को सीधा कर रखें. उसके बाद अपनी ऊपरी हिस्से को भुजाओं से उठाएं और अपने पैरों को सीधे रखते हुए कमर से ऊपर के हिस्से को हवा में रखें. इस मुद्रा में 30-60 सेकंड तक रहें
2- बालासन
बालासन करने के लिए सबसे पहले पैरों को मोड़कर वज्रासन में बैठ जाएं. उसके बाद अपने दोनों ही हाथों को ऊपर ले जाएंऔर आगे की ओर झुकें. उसके बाद अपनी हथेलियों को ज़मीन पर ले जाएं. इसके बाद अपने सिर को ज़मीन की ओर ले जाए. इस आसन को करने से मोटापा तो काम होता है. साथ ही साथ बदन दर्द और मानसिक तनाव भी दूर होता है.
3- वज्रासन
इस आसन को करने के लिए आपको अपने घुटनों को पीछे की ओर मोड़ लेना है. उसके बाद अपने हिप को अपनी एड़ी के ऊपर रख लें. उसके बाद अपने सिर, गर्दन और रीढ़ की हड्डी को सीधे एक सीध में रख लें और अपने हाथों की हथेलियों को जांघो पर रख लें.
Rishikesh,Dehradun,Uttarakhand
February 03, 2025, 14:29 IST