रतन टाटा ने मुंबई के उस इलाके में खोला डॉग्स हॉस्पिटल, जहां अमीर आदमी भी नहीं खरीद सकता छोटा सा घर, जानिए कितना है महंगा


Ratan Tata Philanthropy: देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा भले ही इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन उनका जानवरों के प्रति प्रेम किसी से छुपा नहीं था. रतन टाटा ने अपने जीवन मेंं समाज के लिए तमाम ऐसे परोपकारी काम किए, जिन्हें दुनिया हमेशा याद रखेगी. खास तौर से उनके वो काम जो उन्होंने पशुओं के लिए किए. इसी की एक मिसाल मुंबई के महालक्ष्मी इलाके में टाटा ट्रस्ट द्वारा बनाया गया स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल है. इस एनीमल हॉस्पिटल की शुरुआत इसी साल मार्च में की गई थी. यहां पर लोग अपने पालतू कुत्तों और बिल्ली का इलाज कराने के लिए आते हैं. रतन टाटा ने इस हॉस्पिटल को बनाने में 165 करोड़ रुपये खर्च किए. यह उनके ड्रीम प्रोजेक्ट का एक हिस्सा है. उनकी योजना देश भर में इसी तरह के एनिमल हॉस्पिटल खोलने की थी.

महंगे इलाके में शानदार अस्पताल
स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल की पांच मंजिला शानदार बिल्डिंग मुंबई के महालक्ष्मी इलाके में है. एक झलक में बिल्डिंग देखने के बाद यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि यह जानवरों का अस्पताल होगा. यहां जानवरों के इलाज के लिए इतनी आला दर्जे की सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं जो कि जो बड़े-बड़े प्राइवेट अस्पतालों में लोगों को मयस्सर नहीं हैं. यहां 200 पालतू जानवरों का इलाज एक साथ किया जा सकता है. इस एनिमल हॉस्पिटल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की एक टीम काम कर रही है. इस टीम की अगुआई ब्रिटेन के डॉक्टर थॉमस हीथकोट कर रहे हैं.

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इसकी सबसे खास बात है वो जगह (महालक्ष्मी) जहां यह हॉस्पिटल बना है. महालक्ष्मी का शुमार मुंबई के सबसे शानदार इलाकों में किया जाता है. महालक्ष्मी में एक विशाल रेस कोर्स है. यह इलाका हाजी अली दरगाह और समुद्र तट के पास होने के कारण भी पॉश है. 

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स्मॉल एनिमल हॉस्पिटल के स्टॉफ के साथ रतन टाटा.

7 करोड़ का है यहां 2 बीएचके फ्लैट
मैजिक ब्रिक के अनुसार इस इलाके में कुछ सबसे महंगे घर बने हुए हैं. महालक्ष्मी के आस-पास तुलसीवाड़ी, मुंबई सेंट्रल, अपर वर्ली और तारादेव इलाके हैं. मुंबई की कुछ प्रमुख कॉमर्शियल इमारतें इसके पास ही स्थित हैं. इसकी कनेक्टीविटी भी बहुत अच्छी है. अगर यहां कोई 1000 वर्ग गज में बना टू बीएचके फ्लैट लेना चाहे तो उसकी अनुमानित कीमत साढ़े छह से सात करोड़ रुपये के बीच है. 1600 वर्ग गज के थ्री बीएचके फ्लैट की कीमत इस इलाके में साढ़े दस से साढ़े ग्यारह करोड़ रुपये के बीच में है. इतनी महंगी जगह पर घर लेना सामान्य व्यक्ति के बस की बात नहीं है. लेकिन रतन टाटा ने यह जगह जानवरों का अस्पताल बनाने के लिए चुनी. यह अस्पताल 98,000 वर्ग गज जगह में बना है. 

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रतन टाटा को था जानवरों से प्यार
इन बेजुबानों से रतन टाटा को इतना प्यार था कि अगर वे बीमार हों या उन्हें चोट लगी हो तो वह बर्दाश्त नहीं कर पाते थे. यही वजह है कि उन्होंने इन बेजुबानों के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल बनाने का इरादा किया. ताकि इन जानवरों को बेहतरीन इलाज मिल सके. हम इंसान भले ही अपने साथ किए गए अच्छे बर्ताव पर ठीक तरीके से प्रतिक्रिया नहीं जता पाते हैं. लेकिन मूक पशु अपने प्रति जताए गए प्रेम की भाषा समझते हैं. तभी तो कहा जाता है कि मुंबई में जहां रतन टाटा रहते थे, घर के पास उनकी गाड़ी पहुंचने पर वहां के स्ट्रीट डॉग्स उन्हें घेर लेते थे.

बॉम्बे हाउस में डॉग्स के लिए कमरा
यह भी कोई रहस्य नहीं है कि मुंबई में टाटा समूह के एक सदी पुराने मुख्यालय बॉम्बे हाउस में स्ट्रीट डॉग्स को आने  की अनुमति थी. जब 2018 में इस पुरानी हेरिटेज बिल्डिंग का रेनोवेशन किया गया और फिर से खोला गया, तो टाटा ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन ने आसपास के इलाकों में सड़क के कुत्तों के लिए एक कमरा रखा था. यहां पर कुत्तों को नहलाने की जगह थी और डॉक्टरों की एक टीम भी तैनात थी. यहां पर सड़क से लाए गए गोवा, स्वीटी, जूनियर, सिम्बा और छोटू रहते हैं. वैसे राणा, सियार, बुशी और मुन्नी यहां के स्थायी निवासी हैं. उनके लिए कुशन, खिलौनों और चबाने की चीजों के अलावा, फाइव स्टार किचन में पकाया गया खाना भी शामिल है.

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रतन टाटा ने साझा किया निजी अनुभव
रतन टाटा का मानना था कि कुत्ते परिवार में दूसरे सदस्यों की तरह ही होते हैं. मैंने जीवनभर कई पालतू जानवर रखे हैं और मैं जानता हूं कि उनके लिए एक अच्छे हॉस्पिटल की क्या उपयोगिता है. अस्पताल के उद्घाटन से पहले टीओआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, रतन टाटा ने अपना एक निजी अनुभव साझा किया. तब उन्होंने बताया था कि उन्हें एक कुत्ते को इलाज के लिए अमेरिका में यूनिवर्सिटी ऑफ मिनिसोटा ले जाना पड़ा था. इससे उन्हें जानवरों के लिए एक अच्छे अस्पताल की जरूरत समझ में आई. 

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