रूस और चीन सोच भी नहीं सकते, खास हथियार बनाने में जुटे 3 देश, अभी सिर्फ US के पास वो ‘उड़नखटोला’
लंदन: दुनिया का दूसरा छठी पीढ़ी का पूरी तरह से स्टील्थ एयरक्राफ्ट अब और भी करीब आ गया है क्योंकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने उस बेहद खास प्रोजेक्ट को हरी झंडी दे दी है, जिसे जी-7 सदस्य देशों – यूके, इटली और जापान द्वारा मिलकर विकसित किया जा रहा है. ब्रिटिश पीएम की तरफ से यह मंजूरी पिछले हफ्ते दी गई थी. पीएम स्टॉर्मर और उनके कैबिनेट ने ग्लोबल कॉम्बैट एयरक्राफ्ट प्रोग्राम (जीसीएपी) को मंजूरी दी है, और फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक इस प्रोजेक्ट की औपचारिक घोषणा अगले कुछ हफ्तों में की जा सकती है.
जीसीएपी प्रोग्राम का मकसद रूस और चीन से बढ़ते खतरे का मुकाबला करना है. इस प्रोजेक्ट में यूके और इटली के टेम्पेस्ट प्रोजेक्ट और जापान के एफ-एक्स प्रोग्राम को मिलाया जाएगा. यूके ने पहले ही टेम्पेस्ट प्रोजेक्ट के लिए 2 अरब पाउंड की शुरुआती रकम देने का वादा किया था. इटली, जापान और यूके ने पिछले साल दिसंबर में एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन यूके की भागीदारी को लेकर अनिश्चितता थी क्योंकि लेबर पार्टी की स्ट्रैटेजिक डिफेंस रिव्यू (एसडीआर) के कारण यूके की भागीदारी को उच्च लागत के आधार पर रद्द किया जा सकता था. हालांकि, प्रधानमंत्री स्टॉर्मर की मंजूरी के साथ, उन आशंकाओं को अब दूर कर दिया गया है.
मल्टी-बिलियन डॉलर प्रोजेक्ट की अंतिम लागत अभी तक ज्ञात नहीं है, लेकिन स्टील्थ फाइटर जेट को विकसित और सेना में तैनाती का लक्ष्य 2035 के लिए तय किया गया है. इस प्रोजेक्ट को ब्रिटिश विमान निर्माता बीएई सिस्टम्स, इंजन निर्माता रोल्स-रॉयस, इटली की लियोनार्डो एयरोस्पेस और जापान की मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज मिलकर विकसित कर रहे हैं. तीनों देश के समझौते के अनुसार, संयुक्त जीसीएपी सरकारी मुख्यालय यूके में स्थित होगा.
यूके के रक्षा मंत्रालय ने कहा, “यूके ग्लोबल कॉम्बैट एयर प्रोग्राम का सदस्य है, और हम अपने साझेदार जापान और इटली के साथ मिलकर 2035 के लिए अगली पीढ़ी के कॉम्बैट एयरक्राफ्ट को डिलीवर करने पर पूरी तरह से फोकस हैं.” 6वीं पीढ़ी का पहला स्टील्थ फाइटर एयरक्राफ्ट अभी सिर्फ अमेरिका के पास है, जिसका नाम बी-21 रेडर बॉम्बर है, जिसे नॉर्थ्रॉप ग्रुम्मन ने डेवलप किया है.
क्या होता है स्टील्थ एयरक्राफ्ट
स्टील्थ फाइटर जेट एक सैन्य विमान होता है जिसे रडार, इन्फ्रारेड, विजिबल लाइट, रेडियो फ्रीक्वेंसी (आरएफ) स्पेक्ट्रम और ऑडियो द्वारा पता लगाना मुश्किल होता है. स्टील्थ एयरक्राफ्ट समान आकार के अन्य फाइटर जेट के मुकाबले अपने रडार क्रॉस सेक्शन (आरसीएस) को कम करने के लिए अलग-अलग तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : November 12, 2024, 24:44 IST