रोज लें इस चाय की चुस्की, एसिडिटी से लेकर डायबिटीज और टेंशन सहित इन रोगों से मिलेगी मुक्ति
बलिया: प्रकृति ने हमें एक से बढ़कर एक खासियत और गुणों से भरपूर पेड़-पौधे दिए हैं. हालांकि, जिन लोगों को इनकी खासियत और इस्तेमाल की जानकारी नहीं है उनके लिए ये जंगलों की झाड़ी हो सकते हैं लेकिन इन्हीं झाड़ियों में ऐसे फल-फूल और पेड़-पौधे होते हैं जो शरीर के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं होते. हम बात कर रहे हैं अपराजिता के फूल की. यह फूल आपको कई जगहों उगा हुआ दिख जाएगा. जब तक आप इसके फायदे नहीं जानते तब तक यह आपके लिए सिर्फ एक फूल है. जब इसके फायदों को जान जाएंगे तब यह फूल के साथ ही एक औषधि भी होगा. ठंड में तो अपराजिता के फूल का काढ़ा बेहद लाभकारी होता है.
अपराजिता का फूल नीले रंग का होता है तो इसका जब काढ़ा बनाया जाता है तो उसका भी रंग नीला होता है. इसलिए इसके काढ़ा या चाय को ब्लू टी (Blue Tea) नाम से जाना जाता है. हाल के दिनों में अपराजिता के चाय या काढ़े का ट्रेंड भी है.
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नगर बलिया की सात साल अनुभवी (MD और पीएचडी इन मेडिसिन) चिकित्साधिकारी डॉ. प्रियंका सिंह ने कहा कि, “इसके फूल एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल, और एंटी-डायबिटिक गुणों से भरपूर होते हैं”. यही कारण है कि अपराजिता के फूल की चाय पीने से इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत होती है और शरीर से टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं. ठंडी के दिनों में त्वचा संबंधित अनेकों प्रकार के रोग परेशान करते हैं. इन सभी में इसका काढ़ा बेहद लाभकारी और गुणकारी सिद्ध होता है.
पेट का रोग: ये चाय पाचन से जुड़ी समस्याओं को खत्म कर राहत देती है. इसके सेवन से एसिडिटी और अपच की समस्याओं में भी काफी आराम मिलता है.
मोटापा: अपराजिता के फूल की चाय में मेटाबॉलिज़्म नामक तत्व पाया जाता है जिसे पीने से वज़न घटाता है.
शुगर और अनिद्रा: इसकी चाय पीने से ब्लड शुगर कंट्रोल हो जाता है. अनिद्रा की समस्या में काफी आराम मिलता है.
तनाव में राहत: अपराजिता के फूल से बने चाय में तमाम फायदेमंद तत्व पाए जाते हैं जो तनाव को कम करने में सक्षम होते है.
सर्कुलेशन में कामयाब: इसके फूल की चाय पीने से ब्लड सर्कुलेशन भी अच्छे से काम करता है.
कैसे बनती है नीली चाय (blue tea)
इसको बनाने के लिए सबसे पहले एक बर्तन में 1 कप पानी उबाल लें. अब इसमें 4 से 5 अपराजिता के फूल डाल दें. अब इसे अच्छी तरह से उबालें और फिर चीनी और गुड़ की जगह इसमें शहद डालकर एक कप सुबह और एक कप शाम सेवन करें. ऐसा करने से ऊपर बताई गई तमाम समस्याओं से राहत मिलने के साथ ही सर्दी, खांसी, जुखाम, बुखार, दर्द, सूजन और माइग्रेशन जैसी तमाम बीमारियों में आराम मिलता है.
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FIRST PUBLISHED : December 16, 2024, 19:58 IST
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