लहसुन की बुवाई से किसान अब लहराएंगे मुनाफे की धारा, वैज्ञानिकों की सलाह से मिलेगा बेहतरीन उत्पादन
समस्तीपुर : वर्तमान में लहसुन की कीमतों में पहले की अपेक्षा काफी वृद्धि देखी जा रही है और जो किसान पहले से इस खेती में संलग्न हैं, वे अब अच्छा खासा मुनाफा कमा रहे हैं. वहीं, जो किसान लहसुन की खेती से दूरी बना रखें हैं, वे अब पछता रहे हैं कि अगर उन्होंने इस खेती पर ध्यान दिया होता, तो आज उनका इनकम बहुत अच्छा होता.
अक्टूबर-नवंबर का महीना लहसुन की खेती के लिए सबसे उपयुक्त समय माना गया है और इस समय लहसुन की बुवाई करने से किसानों को अच्छा लाभ हो सकता है. डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर द्वारा विकसित लहसुन की किस्म ‘राजेंद्र-1’ किसानों के लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकती है. इस किस्म की उत्पादन क्षमता 8 से 10 क्विंटल प्रति एकड़ तक हो सकती है, और यदि किसान वैज्ञानिकों द्वारा दी गई सलाहों का पालन करते हैं, तो बेहतर उत्पादन की संभावना और अधिक बढ़ सकती है.
वर्तमान में लहसुन की कीमत ₹250 प्रति किलो तक पहुंच चुकी है, जिससे इसके लिए बाजार में अच्छी मांग बनी हुई है. यदि आपने लहसुन की बुवाई सही समय पर की, तो इसका मुनाफा बहुत अच्छा हो सकता है. इसलिए, इस समय का लाभ उठाएं और लहसुन की बुवाई करने की तैयारी शुरू कर दे.
क्या कहते वैज्ञानिक
समस्तीपुर जिला के डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के हॉर्टिकल्चर डिपार्टमेंट के विभागाध्यक्ष (HOD) वैज्ञानिक डॉ. उदित कुमार ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि अक्टूबर और नवंबर का महीना लहसुन की बुवाई के लिए सबसे उपयुक्त समय माना जाता है. इस समय में बुवाई करने से फसल का उत्पादन अच्छा हो सकता है.
लहसुन की ‘राजेंद्र-1’ किस्म के बारे में उन्होंने कहा कि यह किस्म न केवल उच्च गुणवत्ता की है, बल्कि इसमें रोगों का भी कम खतरा रहता है. साथ ही, इसका उत्पादन क्षमता भी काफी अधिक है. उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि जब वे इसकी बुवाई करें, तो कृपया यह सुनिश्चित करें कि लाइन से लाइन की दूरी 15 सेंटीमीटर और पौधे के बीच की दूरी 10 सेंटीमीटर हो. इस उपाय से लहसुन की अच्छी वृद्धि और बेहतर उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है. वही बीज दर के बारे में वैज्ञानिक ने बताया कि 300 से 400 क प्रति हेक्टेयर के दर से उपयोग किया जा सकता है.
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FIRST PUBLISHED : November 14, 2024, 19:11 IST