लाडली बहना योजना: मप्र की सवा करोड़ महिलाओं को शनिवार को एक-एक हजार रुपये की मिलेगी पहली किस्त
जबलपुर: मध्य प्रदेश सरकार अपनी प्रमुख योजना ‘लाडली बहना योजना’ के तहत राज्य की सवा करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में एक-एक हजार रुपये की पहली किस्त शनिवार को भेजेगी. प्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले सत्तारुढ़ भाजपा द्वारा उठाए गए इस कदम को ‘गेम चेंजर’ के तौर पर पेश किया गया है. शुक्रवार को एक सरकारी बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य की महिलाओं से अपील की है कि वे 10 जून की शाम को खुशी मनाएं.
उन्होंने कहा कि जब उनके खाते में 1,000 रुपये आएं और खुशी से अपने घर में एक दीया जलाएं. बयान में कहा गया है कि लाभार्थी अगले दिन से बैंक खातों से पैसा निकाल सकते हैं. इस योजना के शुरू होने से मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार राज्य की 2.6 करोड़ महिला मतदाताओं में से आधी तक पहुंच बनाने में सक्षम होगी.
एक अनुमान के मुताबिक मप्र के 230 विधानसभा क्षेत्रों में से कम से कम 18 क्षेत्रों में महिला मतदाताओं की संख्या पुरुष मतदाताओं से अधिक है. इन क्षेत्रों में आदिवासी बहुल बालाघाट, मंडला, डिंडोरी, अलीराजपुर और झाबुआ जिले शामिल हैं.
इस योजना के तहत 23 वर्ष से 60 वर्ष की उम्र की महिलाओं को कुछ निश्चित शर्तों के साथ प्रति माह 1,000 रुपये दिए जाएंगे. इन शर्तों में उनका आयकर दाता नहीं होना और उनके परिवार की वार्षिक आय 2.50 लाख रुपये से कम होने जैसी शर्त शामिल है.
राज्य के बजट में इस योजना के लिए 8,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. योजना का लाभ उठाने की इच्छुक महिलाओं ने 15 मार्च से 30 अप्रैल तक अपने फॉर्म जमा किए हैं. जांच के बाद सरकार ने उन लाभार्थियों की अंतिम सूची तैयार की है जिन्हें 10 जून को उनके बैंक खाते में 1,000 रुपये की पहली राशि प्राप्त होगी.
अधिकारियों ने कहा कि मप्र में नये महिला मतदाताओं की संख्या में 2.79 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि पुरुष मतदाताओं के लिए यह 2.30 प्रतिशत है. आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार 13.39 लाख नये मतदाताओं में से 7.07 लाख महिलाएं हैं. वर्ष 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 114 सीट के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, जबकि भाजपा को 109 सीट मिली थीं.
कांग्रेस ने कमल नाथ के नेतृत्व में एक गठबंधन सरकार बनाई थी, लेकिन मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के वफादार कई विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद कांग्रेस सरकार गिर गई. इसके बाद शिवराज सिंह चौहान का मुख्यमंत्री के रूप में वापसी का मार्ग प्रशस्त हुआ.