लुटियंस जोन का नाम कैसे पड़ा? जहां हैं 400 करोड़ रुपये तक के बंगले, देश के दिग्गज लोगों का है बसेरा!


जब अंग्रेज दिल्ली का निर्माण कर रहे थे, तो उनके दिमाग में ये बात तय थी कि उन्हें कई हिस्से ऐसे बनाने हैं जो सिर्फ बड़े अंग्रेज अधिकारियों, और अंग्रेज रईसों के लिए बनेंगे. इन इलाकों में भारतीयों के आने पर रोक लगी होती थी. इसी में लुटियंस दिल्ली का भी इलाका शामिल है. आज के वक्त में ये इलाका दिल्ली की बड़ी मार्कट दिग्गज लोगों या राजनेताओं पर तंज कसना होता है, तो वो लुटियंस दिल्ली के तौर पर उन लोगों को संबोधित करते हैं. क्या आपने सोचा है कि आखिर ये लुटियंस दिल्ली (What is Lutyen’s Delhi) है क्या और ऐसा अजीब नाम पड़ने का क्या कारण है.

lutyens delhi

सर एडविन लुटियंस के नाम पर इस जगह का नाम पड़ा है. (फोटो: Canva)

1911 में ब्रिटिश सरकार ने भारत की राजधानी को कोलकता से शिफ्ट कर के दिल्ली कर दिया था. बस उसी के बाद से दिल्ली का सौंदर्यीकरण शुरू हो गया था. ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस (Sir Edwin Lutyens) को दिल्ली में एक ऐसा इलाका बनाने की जिम्मेदारी दी गई, जो बेहद पॉश हो और सबसे अनोखी हो. इस इलाके को लुटियंस बंगलो जोन या लुटियंस जोन के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने आर्किटेक्ट्स की टीम को लीड किया और शहर के बीचोंबीच वॉयसरॉय हाउस बनाया, जिसे आज हम राष्ट्रपति भवन के रूप में जानते हैं.

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वेबसाइट पर आप देख सकते हैं कि 12 कमरों के मकान का दाम कितना ज्यादा है. (फोटो: lutyensdelhi)

कैसे नाम पड़ा लुटियंस दिल्ली?
यहीं पर ऑल इंडिया वॉर मेमोरियल बनाया गया. वहां से वॉयसरॉय हाउस तक की रोड बनी, जिसे किंग्स वे का नाम दिया गया. अब वॉर मेमोरियल को इंडिया गेट के नाम से जाना जाता है और किंग्स वे को राजपथ और फिर कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाने लगा. कनॉट प्लेस, जनपथ, प्रधानमंत्री कार्यालय, नेशनल म्यूजियम, आदि जैसी जगहें इस इलाके में आती हैं. लुटियंस के नाम पर ही पूरे इलाके का नाम लुटियंस दिल्ली रखा गया. यहीं पर सांसदों से लेकर लोकसभा स्पीकर, उपराष्ट्रपति, और अन्य अहम सरकारी कार्यालयों के हेड, मंत्रियों के बंगले मौजूद हैं. इसका निर्माण 1931 में पूरा हुआ जब इसका ऑपचारिक उद्घाटन किया गया था.

कितने की है प्रॉपर्टी?
अब बात करते हैं कि आखिर ये इलाका कितना महंगा है. लुटियंस दिल्ली की वेबसाइट पर यहां के प्रॉपर्टी के दाम बताए गए हैं. लुटियंस बंगलो जोन, कस्तूरबा गांधी मार्ग पर एक 10 बीएचके बंगला बिक रहा था. ये केजी मार्ग, वकील लेन, मंडी हाउस पर स्थित था. इस बंगले की कीमत 110 करोड़ रुपये लगाई गई थी. इसके अलावा एक 12 कमरों का घर फिरोजशाह रोड बिक रहा था, जिसकी कीमत 500 करोड़ रुपये (5,50,00,00,000) लगाई गई है. इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां पर बंगलों की कीमत कितनी है.

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