वन विभाग अधिकारियों ने बेरहमी से आदिवासियों को पीटा, क्रूरता की सारी हदें की पार, देखकर पुलिस भी सन्न
बैतूल. मध्यप्रदेश के बैतूल में एक बार फिर वन विभाग शर्मनाक तस्वीर सामने आई है. जहां एक आदिवासी समुदाय की महिला, पुरुषों और बच्चों को बुरी तरह पीटा गया. वन विभाग ने आदिवासियों को पीटने के लिए उसी गांव के दूसरे ग्रामीणों का इस्तेमाल किया. जिससे एक ही गांव के दो समूहों के बीच वर्ग संघर्ष की स्थिति निर्मित हो गई है. मामला बैतूल के उत्तर वन मण्डल की शाहपुर रेंज के अंतर्गत आने वाले ग्राम सेलदा का है. जहां कुछ बेघर आदिवासी परिवार वन भूमि पर कुछ वर्षों से अतिक्रमण करके रह रहे थे. वन विभाग ने इन्हें हटाने के लिए ना कोई नोटिस दिया और ना समझाइश बल्कि गांव के कुछ दबंग परिवारों को बरगलाकर अतिक्रामकों पर हमला करवा दिया.
ग्रामीणों ने वन विभाग के अमले से मिलकर अतिक्रामक परिवारों की महिलाओं और पुरुषों के मोबाइल छीन लिए और फिर उन्हें बुरी तरह से पीटा. पीड़ित महिलाओं और पुरुषों के शरीर पर चोट के निशान साफ दिखाई दे रहे हैं. पीड़ित आदिवासियों के मुताबिक, अगर प्रशासन खुद कार्रवाई करे तो अलग बात है लेकिन ग्रामीणों को दूसरे समुदाय पर हमला करवाने से हालात काफी बिगड़ रहे हैं और वर्ग संघर्ष की स्थिति बन रही है.
इतना ही नहीं वन विभाग ने पिटाई करने के बाद पीड़ितों को शिकारी बताकर उनके विरुद्ध आपराधिक मामले भी दर्ज कर दिए. जबकि पीड़ितों के मुताबिक, ना तो वो शिकारी हैं और ना कभी शिकार किया है. जबकि वन विभाग पर फर्जी तरीके से शिकार के जाल और अन्य उपकरण की जब्ती बनाने का भी आरोप लग रहा है. पीड़ित आदिवासियों ने बैतूल में पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों से मिलकर न्याय मांगा है. आदिवासियों के मुताबिक, वो कानून के साथ हैं लेकिन वह अमला खुद कानून के खिलाफ जाकर बर्बरता कर रहा है. पुलिस अधिकारियों ने मामले में जांच की बात कही है और इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर भेजा जाएगा.
गौरतलब है कि इससे पहले भी बैतूल में रामपुर भटौडी परियोजना के अंर्तगत आने वाले एक गांव मे वन अमले ने आदिवासियों को बंगाली समुदाय के लोगों से पिटवाया था और हिंसक कार्रवाई की थी. बैतूल के ऐसे कई इलाके हैं जहां रिजर्व या अन्य वन भूमि पर आदिवासी अतिक्रमण करते हैं लेकिन इन्हें कानूनी तरीके से हटाने की प्रक्रिया छोड़कर वन अमला अराजकता फैलाने के रास्ते अख्तियार करता है.
FIRST PUBLISHED : November 7, 2024, 19:19 IST