वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज दिल्ली: नीट यूजी 2025 एडमिशन व फीस जानकारी


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NEET UG 2025 : दिल्ली का वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल देश के टॉप 20 मेडिकल कॉलेजों में से है. दिल्ली में यह एम्स के बाद दूसरा बेस्ट कॉलेज है. आइए जानते हैं यहां एमबीबीएस की कितनी फीस है और एडम…और पढ़ें

एम्स के बाद ये है दिल्ली का टॉप मेडिकल कॉलेज, सिर्फ 36000 है MBBS की फीस

NEET UG 2025 : वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज GGSIPU से संबद्ध है.

हाइलाइट्स

  • वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज दिल्ली का दूसरा बेस्ट मेडिकल कॉलेज है.
  • VMMC में MBBS की फीस 36000 रुपये प्रति वर्ष है,
  • MBBS में एडमिशन के लिए नीट यूजी रैंक 141 के आसपास चाहिए।

NEET UG 2025 : दिल्ली में मौजूद टॉप मेडिकल कॉलेजों में एम्स के बाद वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल का नाम है. यह देश के टॉप 20 मेडिकल कॉलेजों में से एक है. NIRF रैंकिंग 2024 में यह 17वें स्थान पर है. गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से संबद्ध यह मेडिकल कॉलेज क्लिनिकल टीचिंग के लिए सफदरजंग हॉस्पिटल के साथ अटैच है. इसकी स्थापना साल 2001 में की गई थी.

वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज (VMMC) की फीस काफी कम है, लेकिन इसमें दाखिला पाने के लिए नीट यूजी में बहुत अच्छी रैंक होनी चाहिए. इस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की कुल 170 सीटें हैं. जिसमें से 128 स्टेट कोटे की और 22 सीटें ऑल इंडिया कोटे की हैं.

वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज नीट यूजी रैंक कटऑफ

वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल में साल 2024 में एमबीबीएस के लिए जनरल कैटेगरी की नीट यूजी रैंक कटऑफ (राउंड-1 काउंसलिंग) 141 था. जबकि साल 2023 में इस कॉलेज में 107 नीट यूजी रैंक पर एमबीबीएस में एडमिशन हुआ था.

वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की फीस

वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस की फीस गवर्नमेंट सीट पर 36000 रुपये प्रति वर्ष है. जबकि मैनेजमेंट कोटे की सीट पर फीस 112500 रुपये प्रति वर्ष है. ध्यान देने वाली बात है कि इस फीस में बदलाव भी हो सकता है. इसलिए एडमिशन लेने से पहले मेडिकल कॉलेज के इन्फॉर्मेशन ब्रोशर में फीस चेक कर लें या कॉलेज से पूछताछ कर लें.

द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान बना था सफदरजंग हॉस्पिटल

सफ़दरजंग अस्पताल की स्थापना 1942 में द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मित्र देशों की सेनाओं के लिए एक बेस अस्पताल के रूप में की गई थी. इसे 1954 में भारत सरकार ने स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन अपने अधीन ले लिया था. साल 2001 में वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज की स्थापना हुई तो उसे इसके साथ अटैच कर दिया गया.

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