विदेशी को छात्रों को भा रहे भारतीय कॉलेज और यूनिवर्सिटी! 2024 में टूटे पिछले सारे रिकॉर्ड
दुनिया भर में भारत अपनी एक अलग ही पहचान बनाता जा रहा है. हाल ही में सामने आई एक रिपोर्ट से पता चला है कि बड़ी संख्या विदेशी छात्र भी भारतीय शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बन रहे हैं. पिछले सालों की तुलना में 2024-25 रिकॉर्ड वृद्धि देखी गई है.
रिपोर्ट्स के अनुसार एकेडमिक ईयर 2024-25 के लिए 200 देशों से रिकॉर्ड 72,218 विदेशी छात्रों ने भारतीय शिक्षा प्रणाली का हिस्सा बनने का निर्णय लिया. यह संख्या पिछले साल 2023-24 के 64,000 छात्रों से कहीं अधिक है.
क्या कहते हैं आंकड़े
भारत में विदेशी छात्रों की संख्या में बढ़ोतरी 2014-15 के बाद देखने को मिली थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसमें भारी गिरावट आई थी. 2011-12 में भारत में सिर्फ 16,410 विदेशी छात्र थे, जो 2014-15 में बढ़कर 34,774 हो गए थे. इसके बाद, 2016-17 में संख्या 47,575 तक पहुंच गई थी और 2019-20 में यह आंकड़ा 49,348 को पार कर गया था. लेकिन कोविड-19 के बाद यह संख्या घटकर फिर से 2014-15 के स्तर पर पहुंच गई थी.
आसान हुआ प्रोसेस
लेकिन शिक्षा मंत्रालय की तरफ से किए गए प्रयासों और योजनाओं ने इस बार विदेशी छात्रों की संख्या में आश्चर्यजनक वृद्धि कर दी है. इसके तहत 2018 में “स्टडी इन इंडिया” कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य भारत को एक प्रमुख शिक्षा केंद्र के रूप में प्रस्तुत करना था. इस पोर्टल ने 2023 में नए सिरे से अपनी पहचान बनाई जब अगस्त में इसे एक केंद्रीकृत प्लेटफार्म के रूप में फिर से लॉन्च किया गया. जिससे विदेशी छात्रों के लिए एडमिशन और वीजा प्रक्रिया आसान हो गई.
शिक्षा मंत्री ने कही बड़ी बात
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के अनुसार देश अब एक वैश्विक शिक्षा केंद्र के रूप में अपनी ऐतिहासिक भूमिका को फिर से हासिल कर रहा है. जैसा कि तक्षशिला और नालंदा जैसे प्राचीन संस्थान इसका प्रतीक थे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के तहत भारत शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक मानकों को अपनाते हुए रिसर्च सहयोग को बढ़ावा दे रहा है और अकादमिक आदान-प्रदान को सशक्त कर रहा है.
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