विदेश में नौकरी का ख्‍वाब बना गुनाह, एयरपोर्ट पर हुआ ऐसा कांड, घर-पैसा-इज्‍जत सब हो गए ‘नीलाम’ | Delhi IGI airport police arrested travel agent on disclosure of two passengers from Baghpat on fake Poland visas


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Airport News: पोलैंड में नौकरी हासिल करने के इरादे से बागपत के दो युवकों ने दस लाख रुपए परम नामक एक एजेंट को सौंप दिए. वहीं, परम ने दोनों युवकों के साथ ऐसा खेल खेला, जिसकी वजह से इन दोनों युवकों के पैसे और इज्‍…और पढ़ें

विदेश में नौकरी का था ख्‍वाब, एयरपोर्ट पर हुआ ऐसा कांड, सबकुछ हो गया ‘नीलाम’

Airport News: उत्‍तर प्रदेश के बागपत में रहने वाले दो युवकों की सबसे बड़ी गलती यह थी कि उन्‍होंने विदेश जाकर नौकरी जाने का सपना अपने जहन में पाल लिया. विदेश जाने का यही सपना इनकी जिंदगी का सबसे बड़ा गुनाह बन गया. इनके साथ एयरपोर्ट पर ऐसा कांड हुआ कि इज्‍जत-रुपया सब ‘नीलाम’ हो गया. इतना ही नहीं, सबकुछ गंवाने के बाद इन दोनों युवकों को न केवल जेल जाना पड़ा, बल्कि हमेशा के लिए विदेश जाने पर प्रतिबंध भी लग गया.

आईजीआई एयरपोर्ट की डीसीपी ऊषा रंगनानी के अनुसार, बागपत के छपरौली गांव में रहने वाले सौरभ कुमार और सुमित कुमार को दुबई एयरपोर्ट से डिपोर्ट कर आईजीआई एयरपोर्ट भेजा गया था. आईजीआई एयरपोर्ट पर डॉक्‍यूमेंट की स्‍क्रुटनी दौरान पाया गया कि दोनों पैसेंजर के पासपोर्ट पर लगे पोलैंड के वीजा फर्जी हैं. इसी वजह दोनों पैंसेजर को दुबई एयरपोर्ट से डिपोर्ट किया गया था. इसके बाद, दोनों को आगे की जांच के लिए पुलिस के हवाले कर दिया गया.

दोनों पैसेंजर ने पूछताछ में किए चौंकाने वाले खुलासे
डीसीपी ऊषा रंगनानी के अनुसार, दोनों आरोपी पैसेंजर ने पूछताछ में बताया कि अपने दोस्‍तों की तरह वे दोनों भी विदेशी जाकर अपनी जिंदगी बदलना चाहते थे. इसी सिलसिले में दोनों की मुलाकात परम नामक एक ट्रैवल एजेंट से हुई. परम ने दोनों को दुबई के रास्‍ते पोलैंड भेजने का न केवल भरोसा दिया, बल्कि वहां नौकरी दिलाने का भरोसा भी दिलाया. इस काम के एवज में उसने परम ने दोनों पैसेंजर से से दस-दस लाख रुपए की मांग की.

डील तय होने के बाद, दोनों ने कुल 1.28 लाख रुपए का पेमेंट ऑनलाइन किया और बाकी की रकम नगद दी गई. दोनों आरोपी पैसेंजर ने बताया कि दिल्‍ली एयरपेार्ट पर तो सबकुछ ठीक रहा लेकिन, दुबई एयरपोर्ट पर उनके फर्जी पासपोर्ट पकड़े गए. जिसके बाद, दोनों को आईजीआई के लिए डिपोर्ट कर दिया गया. दोनों आरोपी पैसेंजर के खुलासे के बाद एसएचओ सुनील गोयल की लीडरशिप में आरोपी परम की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन किया गया.

पहले भी फेक वीजा मामले में हो चुकी है गिरफ्तारी
डीसीपी उषा रंगनानी के अनुसार, जांच के दौरान पुलिस टीम को पता चला कि आरोपी एजेंट परम का असली नाम परमजीत सिंह है और वह पंजाब के रोपड जिले का रहने वाला है. आरोपी परमजीत सिंह की गिरफ्तारी के लिए तत्‍काल एक टीम को पंजाब रवाना किया गया, लेकिन वह पुलिस की गिरफ्त से बचने में कामयाब रहा. जिसके बाद, परमजीत की गिरफ्तारी के लिए लोकल इंटेलिजेंस को एक्टिव किया गया. इसी बीच, टीम को इंटेल मिला कि परम दिल्‍ली आया हुआ है.

इसी सूचना के बाद, एक्‍शन में आई आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस की टीम ने परमजीत सिंह को दिल्‍ली से गिरफ्तार कर लिया. परमजीत ने पूछताछ में कबूल लिया कि उसने ही दोनों आरोपी पैंसेजर को दस लाख रुपए के एवज में पोलैंड के फर्जी वीजा मुहैया कराए थे. पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि उसे फेक वीजा मामले में पहले भी 2022 में गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस टीम अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि परमजीत अब तक कितने लोगों को फर्जी वीजा मुहैया करा चुका है.

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