वो शाही महल जहां रहा आखिरी निजाम, सिमटी है हैदराबाद की शाही विरासत


किंग कोठी पैलेस या नाज़री बाग पैलेस भारत के तेलंगाना राज्य के हैदराबाद शहर में स्थित एक शाही महल है. यह वही महल है जहाँ हैदराबाद राज्य के पूर्व शासक, सातवें निज़ाम, सर मीर उस्मान अली खान रहते थे. यह महल उनके पिता, महबूब अली पाशा, द्वारा खरीदा गया था, जिन्हें शानदार घर खरीदने का शौक था. महल का निर्माण कमाल खान द्वारा करवाया गया था, और जब उन्होंने इसे बेचने की इच्छा जताई, तो उन्होंने यह महल निज़ाम को बेच दिया. 1911 में गद्दी पर बैठने के बाद, युवा निज़ाम केवल 13 वर्ष की उम्र में इस महल में रहने आ गए.

किंग कोठी की बनावट
यहां मौजूद सुरक्षाकर्मी के अनुसार, किंग कोठी परिसर की तीन प्रमुख इमारतों में से केवल मुख्य इमारत (अब एक अस्पताल) और मुबारक हवेली (नाज़री बाग), जिसमें निज़ाम की निजी संपत्ति (सर्फ़-ए-ख़ास) के कार्यालय हैं, बची हैं. दोनों इमारतें यूरोपीय शैली में बनी हैं. तीसरी इमारत, उस्मान हवेली, 1980 के दशक की शुरुआत में ध्वस्त कर दी गई थी. उसके स्थान पर राज्य सरकार द्वारा नया अस्पताल भवन बनाया गया है.

इतिहासिक इमारतें और उनका महत्व
पर्यटक आकाश, जो इतिहास के छात्र हैं, के अनुसार, हैदराबाद में कई ऐतिहासिक इमारतें और अद्भुत किले मौजूद हैं. उन्होंने बताया कि यह इमारत पुरानी है और इसके अंदर विभिन्न प्रकार की महंगी वस्तुएं स्टील के ट्रंकों में रखी गई हैं. ये सारी चीज़ें इतिहास के विभिन्न पहलुओं से परिचित कराती हैं.

किंग कोठी पैलेस कैसे पहुंचे
यह ऐतिहासिक इमारत सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन से 7 किमी की दूरी पर स्थित है. यहां बस और ऑटो से आसानी से पहुंचा जा सकता है. यह कोठी चारमिनार से भी नजदीक है, जहाँ से आप चारमिनार का भी दीदार कर सकते हैं.

महल का ऐतिहासिक महत्व
इतिहासकार डॉ. नितिन कुमार के अनुसार, महल को बड़े मेहराबदार प्रवेश द्वारों, स्तंभों, छतदार खिड़कियों पर जटिल लकड़ी के काम और प्रवेश द्वार पर एक बड़े बरामदे द्वारा चिह्नित किया गया है. सातवें निज़ाम, सर मीर उस्मान अली खान, जो 1911 से 1948 तक हैदराबाद के शासक थे, यहाँ रहते थे. 24 फरवरी 1967 को इसी इमारत में उनकी मृत्यु हुई.

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