व्यंग्य जीवन से साक्षात्कार करता है, आलोचना करता है, पाखंडों का पर्दाफाश करता है- हरिशंकर परसाई


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Harishankar Parsai Biography in Hindi व्यंग्य जीवन से साक्षात्कार करता है, आलोचना करता है, पाखंडों का पर्दाफाश करता है- हरिशंकर परसाई

हरिशंकर परसाई के पिता उन्हें रेलवे में बाबू तथा रिश्तेदार सिपाही बनाना चाहते थे. लेकिन उनका सपना एक अच्छा अध्यापक बनने का था. उन्होंने रेलवे क्लर्क की परीक्षा पास की और उनका चयन भी हो गया, लेकिन परसाई जी ने वहां नौकरी नहीं की.



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