शरीर के लिए अमृत है यह हरी सब्जी, लिवर से लेकर गुर्दे की पथरी के लिए रामबाण, विटामिन्स का भंडार
Agency:News18 Uttarakhand
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Bathua Health Benefits: बथुआ पेट के लिए भी बेहद लाभदायक है. पाचन संबंधित बीमारियों को दूर करता है. इसके साथ में बाजरे या मक्का की रोटी, मक्खन व गुड़ की डली हो तो इसे खाने का स्वाद बदल जाता है. बथुआ का साग गुर्दो…और पढ़ें
बथुआ कई पोषक तत्वों से युक्त है
नैनीताल: उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में सर्दियों के मौसम में कई तरह की हरि सब्जियां उगाई जाती हैं, जो खाने में तो लाजवाब होती हैं, साथ ही शरीर के लिए भी बेहद पौष्टिक होती हैं, ऐसी ही एक सब्जी है पहाड़ में मिलने वाला बथुआ. जिसका सेवन सर्दियों में शरीर के लिए बेहद लाभदायक माना जाता है. इसे अंग्रेजी में लैंब क्वार्टर या वाइल्ड स्पिनच भी कहा जाता है. इसका वानस्पतिक नाम चीनूपोडियम एल्बम है. इसको लंबे समय से सब्जी और रायता के रूप में इस्तेमाल में लाया जाता है. वहीं इसकी पूड़ी और पराठे भी बनाए जाते हैं. जबकि शिल्प शास्त्र की किताब में लिखा गया है कि बुजुर्ग घरों में हरा रंग करने के लिए प्लास्टर में बथुआ मिलाते थे. इसके अलावा यह कई गुणों से भरपूर है. इसका सेवन पाचन में मदद करता है, इसमें कई तरह के विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं. यह रक्त को साफ करने का काम भी करता है.
उत्तराखंड के नैनीताल स्थित डीएसबी कॉलेज के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर ललित तिवारी बताते हैं कि बथुआ उत्तराखंड में मुख्य रूप से खाया जाता है. यह शरीर के लिए भी पौष्टिक होता है.उन्होंने बताया कि इसमें कई तरह के विटामिन्स जैसे B1, B2, B3, B5, B6, B9 और C पाए जाते हैं. इसके अलावा कैल्शियम, मैगनेशियम, मैगनीज, सोडियम और अन्य मिनरल्स भी होते हैं. यह विटामिन ए का अच्छा स्रोत है. इसे रवि की फसल के साथ खेतों में लगाया जाता है. उन्होंने बताया कि पुराने समय में महिलाएं अपने बालों से डेंड्रफ हटाने के लिए बथुए के पानी से सिर धोया करती थीं.
कई गुणों से युक्त है बथुआ
प्रोफेसर तिवारी बताते हैं कि बथुआ कई गुणों से युक्त है. उन्होंने बताया कि 100 ग्राम कच्चे बथुवे के पत्तों में 7.3 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 4.2 ग्राम प्रोटीन और 4 ग्राम पोषक तत्व होते हैं. इसमें कुल मिलाकर 43 कैलोरी ऊर्जा होती है. जब बथुआ मट्ठा, लस्सी या दही में मिला दिया जाता है तो यह ज्यादा प्रोटीन वाला व किसी भी अन्य खाद्य पदार्थ से ज्यादा पौष्टिक आहार बन जाता है. यह पेट के लिए भी बेहद लाभदायक है. पाचन संबंधित बीमारियों को दूर करता है. इसके साथ में बाजरे या मक्का की रोटी, मक्खन व गुड़ की डली हो तो इसे खाने का स्वाद बदल जाता है. बथुआ का साग गुर्दों में पथरी और अमाशय को बलवान बनाता है. यह गर्मी से बढ़े हुए लिवर को ठीक करता है, कब्ज, बवासीर के रोगों में बथुआ लाभदायक है, यह निरोग रहने के लिए सबसे बेहतरीन औषधि है.
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January 24, 2025, 12:28 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.