शेयर बाजार में भूचाल, सेंसेक्‍स 1400 अंक टूटा, निवेशकों के 3 लाख करोड़ स्‍वाहा – News18 हिंदी


हाइलाइट्स

टॉप गेनर- Coal India, Grasim Industries, ONGC, Dr Reddy’s Laboratories और Hindalco Industriesटॉप लूजर- L&T, Maruti Suzuki, Reliance Industries, Nestle India और Bharti Airtelबीते कारोबारी दिन हरे निशान पर बंद हुआ था शेयर बाजार

नई दिल्ली. कारोबारी हफ्ते के अंतिम दिन भारतीय शेयर बाजार की बढ़त के साथ शुरुआत हुई है. दोपहर के समय इसमें अचानक ग‍िरावट आई और कारोबार के अंत में सेंसेक्स 700 अंक से ज्‍यादा नीचे आ गया. कारोबार के अंत में तीस शेयरों पर आधारित बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स (Sensex) 732.96 अंक या 0.98 फीसदी की गिरावट के साथ 73,878.15 अंकों पर बंद हुआ. इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी (Nifty) भी 172.35 अंक या 0.76 फीसदी टूटकर 22,475.85 के स्तर पर बंद हुआ.

शुक्रवार के कारोबार में Coal India, Grasim Industries, ONGC, Dr Reddy’s Laboratories और Hindalco Industries निफ्टी के टॉप गेनर रहे. वहीं L&T, Maruti Suzuki, Reliance Industries, Nestle India और Bharti Airtel टॉप लूजर रहे.

2 मई को लाल निशान पर बंद हुआ था शेयर बाजार
बीते कारोबारी दिन यानी 2 मई को कारोबार के अंत में बीएसई सेंसेक्स 128.33 अंक यानी 0.17 फीसदी की बढ़त के साथ 74,611.11 अंक पर बंद हुआ था. वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 43.35 अंक यानी 0.19 फीसदी की बढ़त के साथ 22,648.20 अंक पर बंद हुआ था.

शेयर बाजार में गिरावट ये हैं बड़े कारण

  • शेयर बाजार में शुक्रवार को न‍िवेशकों ने जबरदस्‍त मुनाफावसूली की.
  • विदेशी संस्थागत निवेशकों की तरफ से गुरुवार (1 मई) को बेचे गए 964 करोड़ रुपये के शेयर भी ग‍िरावट का कारण बने.
  • गिरावट की एक वजह सेंसेक्‍स की आज एक्‍सपाइरी होना भी रहा.

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SEBI ने पोर्टफोलियो मैनेजर्स के ग्राहकों से जुड़ने की प्रक्रिया को बनाया आसान
मार्केट रेगुलेटर सेबी ने शुक्रवार को पोर्टफोलियो मैनेजर्स के ग्राहकों के लिए डिजिटल रूप से जुड़ने की प्रक्रिया को आसान बनाया. इस कदम का उद्देश्य कारोबार सुगमता को बढ़ाना है. पोर्टफोलियो मैनेजर्स को ग्राहकों को शामिल करते समय यह सुनिश्चित करना होगा कि नए ग्राहक टाइप किए गए या इलेक्ट्रॉनिक रूप से लिखे गए नोट का इस्तेमाल करें. यह भी सुनिश्चित करना होगा कि उन्होंने फीस स्ट्रक्चर को समझ लिया है न कि वर्तमान व्यवस्था जिसमें ग्राहक खुद से इस बारे में लिखकर देता है. सेबी ने एक सर्कुलर में कहा कि यह बदलाव 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा.

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