संजय सिंह की जमानत से AAP को मिला जोश का बूस्टर डोज, बाकी सांसदों का होना…


नई दिल्ली. दिल्ली सरकार में मंत्री और पटेल नगर से आम आदमी पार्टी के विधायक राजकुमार आनंद ने बुधवार को मंत्री पद से इस्तीफा दिया, साथ ही आम आदमी पार्टी की सदस्यता भी छोड़ दी. राजकुमार आनंद ने खुलेआम इस्तीफा दिया, जिससे उनकी बगावत जग जाहिर हुई. लेकिन आम आदमी पार्टी के कुछ ऐसे बड़े चेहरे और सांसद हैं, जिनकी लगातार गैरमौजूदगी से आम आदमी पार्टी के सामने एक बड़ा संकट खड़ा होता दिखाई दे रहा. एक तरफ आम आदमी पार्टी शराब नीति मामले में चल रही जांच का सामना कर रही है, पार्टी के संयोजक और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल न्यायिक हिरासत में हैं.

वहीं पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया एक साल से ज़्यादा समय से जेल में बंद हैं, तो दूसरी तरफ लगातार कमजोर होता पार्टी का संगठन बड़ी चिंता बनता जा रहा है. इसका सबसे बड़ा उदाहरण यह कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई और आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी अपने सबसे बड़े नेता की गिरफ़्तारी के समय कोई भी बड़ा आंदोलन खड़ा करने में नाकामयाब होती दिखाई दी. इसकी सबसे बड़ी वजह माना जा रहा है पार्टी के सबसे बड़े नेताओं की सक्रियता ना होना. आम आदमी पार्टी के लोकसभा और राज्यसभा में मिलाकर कुल 11 सांसद हैं, इनमें से इकलौते लोकसभा सांसद सुशील कुमार रिंकू पहले ही आम आदमी पार्टी का दामन छोड़ BJP में शामिल हो चुके हैं. बाकी बचे 10 सांसदों में से सिर्फ संजय सिंह, एनडी गुप्ता और संदीप पाठक ही जमीन पर सक्रिय दिखाई दे रहे हैं. बाकी बचे 7 सांसद या तो पूरी तरह से गायब हैं या फिर अरविंद केजरीवाल या अन्य पार्टी के नेताओं के ऊपर हो रही कार्रवाई पर बोलने से बच रहे हैं.

कहां हैं राघव चड्ढा?
अरविंद केजरीवाल के सबसे करीबी माने जाने वाले और आम आदमी पार्टी के लिए हर मोर्चे पर खड़े होने वाले राघव चड्ढा बीते एक महीने से पूरे तरीके से गायब हैं. चड्ढा पिछले महीने अपनी आंख की सर्जरी के लिए लंदन गए और आम आदमी पार्टी से जुड़ी गतिविधियों से पूरी तरीके से गायब हैं. पत्नी परिनीति चोपड़ा अपनी आने वाली फिल्म के लिए भारत लौटीं तो राघव की गैरमौजूदगी को लेकर सुर्खियां और बढ़ने लगीं. सोशल मीडिया पर तो यहां तक खबरें उड़ने लगीं की राघव लंदन में किसी केंद्रीय मंत्री के साथ मुलाकात करते हुए पाए गए हैं. हालांकि 21 मार्च को अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी के बाद राघव चड्ढा ट्विटर पर मुखर हैं. राघव चड्ढा की भारत वापसी को लेकर मीडिया रिपोर्ट कहती हैं कि डॉक्टर ने उन्हें तेज धूप में बाहर निकलने के लिए मना किया है. राघव के करीबी नेताओं का कहना है कि जैसे ही डॉक्टर उन्हें बाहर निकलने की अनुमति देंगे, वे फिर से आम आदमी पार्टी का झंडा बुलंद करते हुए दिखेंगे.

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स्वाति मालीवाल भी गैर मौजूद?
हाल ही में राज्यसभा भेजी गई स्वाति मालीवाल अपनी बहन के इलाज के लिए अमेरिका गई हुई हैं. बीते दिनों बीजेपी के अमित मालवीय ने स्वाति मालीवाल की गैर मौजूदगी को लेकर ट्वीट किया जिस पर स्वाति ने आक्रामक होते हुए उन्हें जवाब दिया. स्वाति मालीवाल ने अपनी गैर मौजूदगी पर ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘बस थोड़ा सा वक़्त खैर मना ले IT Cell fake news factory…बहन का इलाज पूरा हो रहा है और बहुत जल्द आ रही हूं. सड़क से लेकर संसद तक तुम जैसे देश के दुश्मनों से लड़ाई लड़ूंगी…और हां, जब तुमने बीजेपी बोलना भी नहीं सीखा था, उससे पहले से अरविंद केजरीवाल के साथ काम कर रही हूं और मरते दम तक करूंगी. जिस नैय्या को तुम डूबता हुआ कह रहे हो, वो तो तुम्हारे अत्याचारों से और ऊपर आ गई है. बाकी जिस तरह 9 साल तक महिला आयोग में तुम्हारे नाक में दम किया, आगे के 6 साल भी तैयार रहना! जय हिन्द!’हालांकि स्वाति मालीवाल लगातार सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं और अरविंद केजरीवाल के साथ साथ आम आदमी पार्टी के खिलाफ हो रही कार्रवाई का मुखर विरोध जता रही हैं लेकिन नुकसान आम आदमी पार्टी को जरूर हो रहा है क्योंकि जनता के बीच और बड़े आंदोलन खड़े करने के लिए जाने जाने वाले लोगों में स्वाति मालीवाल का नाम भी ऊपर आता है.

हरभजन सिंह का होना न होना बराबर!
जब से आम आदमी पार्टी ने हरभजन सिंह को राज्यसभा भेजा है, वे शायद ही कभी पार्टी के किसी राजनीतिक कार्यक्रम में शामिल हुए हैं. सामान्य राजनीतिक कार्यक्रम तो छोड़िए हरभजन सिंह अपनी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी पर भी पूरी तरह से चुप्पी साधते हुए दिखे हैं. वे लगातार सोशल मीडिया पर आईपीएल को लेकर ट्वीट कर रहे हैं. 24 मार्च को उन्होंने भगवंत मान को बेटी के जन्म पर बधाई तो दी लेकिन वे अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी पर कुछ भी लिख और बोल नहीं रहे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब हरभजन सिंह से पूछा गया कि क्या वे आम आदमी पार्टी द्वारा आयोजित किए जा रहे धरना प्रदर्शनों में हिस्सा लेंगे तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया.

राज्यसभा सांसद अशोक मित्तल भी गायब!
जलंधर की मशहूर लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के संस्थापक अशोक मित्तल भी लगातार आम आदमी पार्टी से जुड़ी गतिविधियों से दूरी बनाए हुए हैं. मीडिया रिपोर्ट बताती हैं कि वे आम आदमी पार्टी के समर्थन में होने वाले किसी भी आंदोलन में हिस्सा लेने के लिए पार्टी मुख्यालय के इशारे का इंतजार कर रहे हैं. कुछेक बयान में उनकी नाराजगी भी दिखाई दी के हाल ही में हुए एक कार्यक्रम में उन्हें पार्टी की तरफ से न्यौता तक नहीं दिया गया.

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पंजाब से नहीं मिला केजरीवाल को सपोर्ट?
अरविंद केजरीवाल अपने संबोधनों में भगवंत मान को छोटा भाई बताते आए हैं, दोनों के बीच काफी घनिष्ठता मानी जाती है. ये घनिष्ठता उस समय भी देखी गई जब अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी के बाद वे तुरंत आम आदमी पार्टी से जुड़े विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंचे. लेकिन पंजाब से मनोनीत हुए राज्यसभा सांसदों को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में सबसे ज़्यादा नाराजगी देखी जा रही है. क्योंकि पंजाब के राज्यसभा सांसदों से आम आदमी पार्टी को मुश्किल के समय में समर्थन नहीं मिल रहा.

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संजीव अरोड़ा, बलवीर सिंह सीचेवाल और विक्रमजीत साहनी भी पंजाब से राज्यसभा भेजे गए थे लेकिन इन तीनों और राज्यसभा सांसदों की भी लगातार गैरमौजूदगी देखी जा रही है. साथ ही अपनी पार्टी के मुखिया की गिरफ़्तारी के बाद सक्रियता न के बराबर देखी गई है. विक्रमजीत साहनी और बलवीर सिंह सीचेवाल ने मीडिया को दिए बयानों के मुताबिक वे खुद को सक्रिय बता रहे हैं. संजीव अरोड़ा से जब रामलीला मैदान में हुई इंडिया गठबंधन की महारैली में अनुपस्थिति के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि लुधियाना में आम आदमी पार्टी से जुड़े कार्यक्रम में व्यस्त थे इसलिए रामलीला मैदान नहीं पहुंच पाए. सफाई में उन्होंने कहा कि वे लगातार पार्टी के दूसरे सांसदों और शीर्ष नेताओं के संपर्क में हैं.

संजय सिंह की जमानत से AAP को मिला जोश का बूस्टर डोज, बाकी सांसदों का होना...

संजय सिंह के बाहर आते ही कार्यकर्ताओं में दिख रहा जोश!
सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद संजय सिंह 3 अप्रैल को तिहाड़ जेल से रिहा हुए. सांसद संजय सिंह को मिली जमानत ने आम आदमी पार्टी के संगठन को बड़ी मजबूती देने का काम किया है. पार्टी संयोजक केजरीवाल को जेल जाने के बाद संजय सिंह फिलहाल पार्टी के पोस्टर ब्वॉय बने हुए हैं. आम आदमी पार्टी के नेता मानते हैं कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ़्तारी और फिर न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद कार्यकर्ताओं और संगठन को काफी चोट पहुंची थी. लेकिन संजय सिंह को मिली जमानत ने पार्टी के लिए एक बूस्टर का काम किया है. बेशक आम आदमी पार्टी के बाकी सांसद चुप हों लेकिन लोकसभा चुनाव से ठीक पहले संजय सिंह के बाहर आने से पार्टी में जान सी आ गई है.

Tags: AAP, AAP leader Sanjay Singh, Arvind kejriwal, Sanjay singh



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